चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने केंद्र सरकार से समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत राज्य के लिए बकाया 2,151.59 करोड़ रुपए की राशि तुरंत जारी करने की मांग की है।
उन्होंने यह भी दोहराया कि तमिलनाडु तमिल और अंग्रेजी की दो भाषा नीति पर कायम रहेगा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में प्रस्तावित तीन भाषा नीति का विरोध करता है।
यह मांग मुख्यमंत्री की ओर से अनुमोदित एक ज्ञापन में रखी गई। ज्ञापन में केंद्र से 2024-25 के लिए समग्र शिक्षा योजना की राशि और 2025-26 की पहली किस्त जारी करने का अनुरोध किया गया है।
मुख्यमंत्री स्टालिन इस समय चेन्नई के एक निजी अस्पताल में स्वास्थ्य जांच के लिए भर्ती हैं। उन्होंने 21 जुलाई को चक्कर आने की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती होने से पहले इस ज्ञापन को मंजूरी दी थी।
स्टालिन ने कहा कि इस राशि को पीएम एसएचआरआई समझौते पर हस्ताक्षर करने की शर्त से जोड़ा जाना उचित नहीं है, क्योंकि राज्य को इस समझौते पर आपत्ति है। उन्होंने चेतावनी दी कि फंड की कमी से लाखों छात्रों का भविष्य प्रभावित हो सकता है।
इसके अलावा, ज्ञापन में तमिलनाडु ने कोयंबटूर और मदुरै में प्रस्तावित मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए केंद्र से मंजूरी और 50:50 लागत साझेदारी मॉडल की मांग की है। मुख्यमंत्री ने चेन्नई में उपनगरीय रेल सेवाओं को बढ़ाने और रेलवे की लंबित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को तेजी से लागू करने का भी आग्रह किया।
श्रीलंकाई नौसेना की ओर से भारतीय मछुआरों की बार-बार गिरफ्तारी पर चिंता जताते हुए स्टालिन ने इस मुद्दे का स्थायी राजनयिक समाधान निकालने और तमिलनाडु के मछुआरों और उनकी नौकाओं को श्रीलंकाई हिरासत से तुरंत रिहा करने की मांग की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर तमिलनाडु में हैं, जहां वे कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं।