Indian Railways Projects: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12,328 करोड़ रुपए की रेलवे परियोजनाओं को दी मंजूरी, गृह मंत्री शाह ने जताया आभार

Cabinet clears ₹12,328 crore railway boost for jobs, growth & connectivity
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12,328 करोड़ रुपए की रेलवे परियोजनाओं को दी मंजूरी, गृह मंत्री शाह ने जताया आभार

नई दिल्ली:  केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बुधवार को कुल 12,328 करोड़ रुपए के रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस फैसले की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' के माध्यम से दी और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया।

अमित शाह ने बताया कि ये रेलवे मल्टीट्रैकिंग परियोजनाएं खासतौर पर कर्नाटक, बिहार, तेलंगाना और असम जैसे राज्यों की आर्थिक संभावनाओं को जागृत करेंगी।

इन परियोजनाओं के चलते इन राज्यों में नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा। इससे न केवल क्षेत्रीय विकास को बल मिलेगा, बल्कि पूरे देश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।

नई रेलवे लाइनों के कारण इन राज्यों के बीच यातायात सुविधाएं बेहतर होंगी और माल-परिवहन की गति भी बढ़ेगी, जिससे उद्योगों को लाभ होगा। साथ ही, यात्रियों के लिए भी यह एक बड़ी सुविधा होगी क्योंकि वे कम समय में बेहतर सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे।

इसके अलावा, गुजरात के कच्छ क्षेत्र के लिए नई रेलवे लाइन का निर्माण भी मंजूर किया गया है। यह रेलवे लाइन कच्छ को देश और विश्व के बाकी हिस्सों से जोड़ेगी। कच्छ की यह नई रेल कनेक्टिविटी इतिहास और सभ्यता के कई महत्वपूर्ण स्थलों को जोड़ने का काम करेगी।

इनमें राण ऑफ कच्छ, हड़प्पा साइट धोलावीरा, कोटेश्वर मंदिर, नारायण सरोवर और लखपत किला शामिल हैं।

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "पीएम मोदी का आभार, जिन्होंने आज केंद्रीय मंत्रिमंडल में 12,328 करोड़ रुपए की रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी।"

उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, "रेलवे मल्टीट्रैकिंग परियोजनाएं कर्नाटक, बिहार, तेलंगाना और असम में विकास, रोजगार और व्यवसाय को बढ़ावा देंगी, जबकि कच्छ तक नई रेलवे लाइन दुनिया के बाकी हिस्सों को हमारे इतिहास और सभ्यता के महत्वपूर्ण स्थलों जैसे कच्छ का रण, हड़प्पा स्थल धोलावीरा, कोटेश्वर मंदिर, नारायण सरोवर और लखपत किला से जोड़ेगी। इन राज्यों के हमारे बहनों और भाइयों को बधाई।"

यह पहल भारतीय रेलवे को ज्यादा आधुनिक, तेज और विश्वसनीय बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

 

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