नई दिल्ली: दिल्ली में एसआईआर के खिलाफ कांग्रेस की रैली में पीएम नरेंद्र मोदी पर अभद्र टिप्पणी के बाद भाजपा नेताओं ने इसे कांग्रेस की हताशा और राजनीतिक निराशा का प्रतीक बताया।
भाजपा सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि इस तरह की बयानबाजी कांग्रेस की बेचैनी को दर्शाती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि इससे पहले बिहार चुनावों के दौरान भी राहुल गांधी की मौजूदगी में ऐसे नारे लगाए गए थे, लेकिन इसके बाद चुनाव के नतीजों से कांग्रेस ने कोई सबक नहीं लिया। चंदोलिया ने कहा कि बिहार में कांग्रेस न केवल खुद खत्म हो गई, बल्कि उसके गठबंधन सहयोगियों की स्थिति भी बेहद खराब रही।
चंदोलिया ने आरोप लगाया कि यदि वास्तव में किसी ने वोट चोरी की है तो वह नेहरू परिवार और इंदिरा गांधी के दौर में हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज प्रधानमंत्री मोदी को बदनाम करने और जनता को गुमराह करने के लिए इस तरह की रैलियां कर रही है, लेकिन इनके मंसूबे कभी पूरे नहीं होंगे। समय यह बता रहा है कि कांग्रेस की राजनीतिक जमीन लगातार खिसकती जा रही है।
वहीं, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने भी कांग्रेस रैली की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को सदन की कार्यवाही में बैठने और चर्चा सुनने की आदत डालनी चाहिए। उन्होंने बताया कि एसआईआर को लेकर संसद में लगभग दस घंटे तक चर्चा हुई, लेकिन कांग्रेस नेताओं ने उस दौरान कितना सुना और कितना बोला, यह सबके सामने है।
ज्योतिर्मय महतो ने सवाल उठाया कि जब कांग्रेस कर्नाटक में चुनाव जीतती है, तब वोट चोरी नहीं होती। जब उनकी सहयोगी तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में सरकार बनाती है, तब वोट चोरी नहीं होती और हिमाचल प्रदेश में भी ऐसा कोई मुद्दा नहीं उठता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को जनता ने नकार दिया है और आने वाले एक-दो चुनावों के बाद कांग्रेस पार्टी पूरी तरह विलुप्त हो जाएगी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भविष्य में कांग्रेस देशभर में केवल एक म्यूजियम के रूप में दिखाई देगी और यह सब राहुल गांधी के नेतृत्व में ही होगा।
--आईएएनएस
