Omkareshwar Temple Rituals: ओंकारेश्वर में उमड़े शिवभक्त, 'जय ओंकार' के नारों से गूंजा धाम

श्रावण सोमवार पर ओंकारेश्वर में उमड़ा आस्था का सैलाब, शाही सवारी और नौका विहार बने आकर्षण
श्रावण मास का पहला सोमवार: ओंकारेश्वर में उमड़े शिवभक्त, 'जय ओंकार' के नारों से गूंजा धाम

खंडवा:  श्रावण मास के पहले सोमवार का सबसे बड़ा नजारा मध्य प्रदेश के खंडवा जिले स्थित पवित्र तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में देखने को मिला। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक और चतुर्थ ज्योतिर्लिंग माने जाने वाले ओंकारेश्वर मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े।

भक्तों की यह आस्था सुबह तड़के ही नजर आने लगी। सुबह 4 बजे ही मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे। 5 बजे भव्य आरती का आयोजन हुआ, जिसमें भाग लेने के लिए श्रद्धालु रात से ही कतारों में खड़े नजर आए। मंदिर पहुंचने से पहले भक्तों ने पवित्र नर्मदा नदी में स्नान किया। पूरा मंदिर परिसर 'बोल बम', 'जय ओंकार', और 'हर-हर महादेव' के जयघोष से गूंज उठा।

श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा-अर्चना और जलाभिषेक का विशेष महत्व माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस महीने में महादेव अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं। यही कारण है कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ सुबह से लेकर रात तक बनी रहती है। इस बार श्रावण-भाद्रपद माह में कुल 6 सोमवार पड़ रहे हैं। हर सोमवार को ओंकारेश्वर महाराज की शाही सवारी निकाली जाएगी, जिसमें नगर भ्रमण और नौका विहार भी शामिल रहेगा। इस दौरान गुलाल महोत्सव भी मनाया जाएगा।

पहले सोमवार को शाम 4 बजे ओंकारेश्वर महाराज की शाही सवारी नगर भ्रमण पर निकलेगी और फिर नर्मदा नदी में नौका विहार करेगी। गुलाल से सजे भक्त, झूमते हुए जयकारों के साथ इस शोभायात्रा में शामिल होंगे।

श्रावण मास में भक्तों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं। मंदिर पहुंचने के लिए झूला पुल और पुराना पुल दोनों मार्गों पर भक्तों की आवाजाही सुचारू रूप से जारी रही। भारी उमस और गर्मी के बावजूद भी श्रद्धालु श्रद्धा और आस्था में लीन होकर कतार में लगे नजर आए।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव दिनभर ब्रह्मांड में विचरण करते हैं, लेकिन रात में ओंकार पर्वत पर शयन करते हैं। इस कारण यहां शयन आरती का विशेष महत्व है।

 

 

Related posts

Loading...

More from author

Loading...