Shivling Puja Direction : पूर्व या उत्तर, किस ओर होनी चाहिए शिवलिंग की पूजा के समय मुख?

शिवलिंग की पूजा में उत्तर दिशा की ओर मुख करना फलदायी, शास्त्रों से मिलता है प्रमाण।
सावन विशेष : पूर्व या उत्तर, किस ओर होनी चाहिए शिवलिंग की पूजा के समय मुख?

नई दिल्ली:  भगवान शिव को समर्पित सावन का पवित्र महीना शुरू होने वाला है। इस दौरान भक्त शिवलिंग की पूजा-अर्चना का विशेष ध्यान रखते हैं। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग की पूजा करते समय भक्त का मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। यह न केवल शास्त्र सम्मत है, बल्कि पूजा को दोषमुक्त और फलदायी बनाने का भी एक महत्वपूर्ण नियम है।

शिवपुराण और अन्य धर्म शास्त्रों में इसकी विस्तृत व्याख्या मिलती है। मुख उत्तर की ओर मुख कर पूजन करने का खास महत्व है और इसके पीछे मान्यताएं हैं। शिवपुराण के अनुसार, शिवलिंग की पूजा करते समय दिशा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यदि भक्त पूर्व दिशा की ओर खड़े होकर या बैठकर पूजा करते हैं, तो वह शिवलिंग के सामने वाले भाग को बाधित करते हैं। यह स्थिति शुभ फल देने वाली नहीं मानी जाती, क्योंकि इससे पूजा का प्रभाव कम हो सकता है।

वहीं, अगर भक्त उत्तर दिशा की ओर खड़ा होकर पूजा करते हैं, तो यह शिव के बाएं हिस्से की ओर होता है, जहां माता पार्वती का स्थान माना जाता है। शास्त्रों में इसे माता पार्वती के अपमान से जोड़ा गया है, क्योंकि शिव और शक्ति का संयुक्त स्वरूप ही पूजा का आधार है और यही फलित होता है।

वहीं, दक्षिण दिशा में बैठकर उत्तर की ओर मुख करके शिवलिंग की पूजा करना उत्तम माना गया है। इस स्थिति में भक्त का मुख शिवलिंग के सामने होता है, जिससे पूजा दोषमुक्त रहती है। यह विधि न केवल शास्त्रों के अनुरूप है, बल्कि यह भक्तों को आध्यात्मिक और मानसिक शांति भी देती है।

धर्म शास्त्रों के अनुसार, पूर्व दिशा की ओर सभी देवी-देवताओं का, पश्चिम में मानव, उत्तर दिशा में शिव और ऋषि-मुनियों तथा दक्षिण दिशा में पूर्वजों का निवास माना जाता है।

स्कंद पुराण में भी इस बात का उल्लेख है कि शिवलिंग की पूजा में दिशा का ध्यान रखने से भक्त को शिव और शक्ति दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सावन के महीने में शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, दूध, शहद और अन्य पूजन सामग्री अर्पित करने से भक्त की मनोकामना पूरी होती है और शिव शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दौरान भक्तों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी पूजा की दिशा शास्त्रों के अनुसार हो।

उत्तर दिशा को शास्त्रों में पवित्र और शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह दिशा भगवान शिव की ऊर्जा को ग्रहण करने में सहायक होती है। साथ ही यह दिशा भक्त के मन को एकाग्र करने में भी मदद करती है।

विद्वानों का कहना है कि सही दिशा में पूजा करने से न केवल भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि भी आती है। इसलिए, शिवलिंग की पूजा करते समय दिशा का खास तौर पर ध्यान रखना चाहिए। उत्तर की ओर मुख कर पूजन करना चाहिए। इससे पूजा शास्त्रानुसार होगी और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

 

 

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