मुंबई: महाराष्ट्र के विधान भवन की सीढ़ियों पर सोमवार को सत्तारूढ़ दलों के नेता छत्रपति शिवाजी महाराज के पोस्टर हाथ में लिए नजर आए। इस दौरान 'जय भवानी, जय शिवाजी' के नारे सुनने को मिले। यूनेस्को की ओर से शिवाजी महाराज के 12 किलों को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिए जाने का जश्न मनाने के लिए ये तरीका अपनाया गया।
बताया जा रहा है कि ऐसा आयोजन छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों, उनके योगदान और मराठा गौरव को सम्मान देने के लिए आयोजित किया गया। विधान भवन परिसर में नेताओं और कार्यकर्ताओं की भीड़ ने शिवाजी महाराज की विरासत को याद करते हुए उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की।
सत्ताधारी दलों के नेताओं ने इस आयोजन के जरिए छत्रपति शिवाजी महाराज के स्वराज्य के सिद्धांतों और मराठा साम्राज्य की स्थापना में उनके योगदान को रेखांकित किया। इसमें शामिल नेताओं ने कहा कि शिवाजी महाराज न केवल एक योद्धा थे, बल्कि उन्होंने स्वशासन, न्याय और समृद्धि की नींव रखी। उनके नेतृत्व में मराठा साम्राज्य ने न केवल युद्ध कौशल दिखाया, बल्कि सामाजिक समानता और आर्थिक मजबूती को भी बढ़ावा दिया।
नेताओं ने कहा कि शिवाजी महाराज की शिक्षाएं आज भी महाराष्ट्र के विकास और एकता के लिए प्रासंगिक हैं।
यूनेस्को की ओर से शिवाजी महाराज के 12 किलों को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिए जाने को नेताओं ने महाराष्ट्र के लिए गौरव की विषय बताया।
विधायकों का कहना था कि छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे लिए सिर्फ एक ऐतिहासिक शख्सियत नहीं, बल्कि मराठा स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक हैं। उनके किले स्वराज्य की ताकत थे, और आज हमें उनकी शिक्षाओं को अपनाकर महाराष्ट्र को और मजबूत करना है।
यह प्रदर्शन विधान भवन की सीढ़ियों पर आयोजित होने के कारण विशेष ध्यान आकर्षित कर रहा था। कार्यकर्ताओं और नेताओं ने एक स्वर में नारे लगाकर शिवाजी महाराज के प्रति अपनी निष्ठा और सम्मान व्यक्त किया।