मुंबई: शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनकी कथनी और करनी में अंतर होने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी 11 साल की सरकार के वादों को पूरा करने में नाकाम रहे हैं और अपनी असफलताओं को पुरानी सरकारों के पीछे छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री हर मुद्दे पर राजनीति करते हैं, जो देश और विशेष रूप से महाराष्ट्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।
आनंद दुबे ने कहा कि पीएम मोदी अक्सर पुरानी सरकारों पर निशाना साधते हैं, लेकिन अपने कार्यकाल में किए गए वादों जैसे 'अच्छे दिन', प्रतिवर्ष दो करोड़ नौकरियां, रुपये-डॉलर के अंतर को नियंत्रित करना, कालाबाजारी पर रोक और विदेशों में छिपे काले धन को वापस लाने जैसे मुद्दों पर चुप्पी साध लेते हैं।
उन्होंने कहा, "पीएम मोदी को 2009 की बातें छोड़कर 2025 की बात करनी चाहिए। उनके बड़े-बड़े दावे खोखले साबित हुए हैं।"
शिवसेना (यूबीटी) नेता ने 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र करते हुए भारतीय सेना की तारीफ की, जिसने पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकवादियों को ठिकाने लगाया। उन्होंने कहा कि सेना ने अपनी ताकत और साहस का परिचय दिया, लेकिन पीएम मोदी की नीतियों में स्पष्टता की कमी है। ऑपरेशन सिंदूर के बावजूद पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को भारत का हिस्सा बनाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ट्वीट के बाद सीजफायर की घोषणा ने भारत की स्थिति को कमजोर किया।
आनंद दुबे ने कहा, "पीओके भारत का अभिन्न हिस्सा होना चाहिए, लेकिन पीएम मोदी कहते कुछ हैं और करते कुछ और। उनकी नीतियों में स्थिरता नहीं है।"
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र में स्थानीय समस्याओं को नजरअंदाज कर केवल राजनीति कर रही है, जबकि राज्य का नेतृत्व इन समस्याओं को बेहतर तरीके से संभाल सकता है। मैं पीएम मोदी से अपील करता हूं कि वे अपनी असफलताओं को स्वीकार करें और विकास के लिए ठोस कदम उठाएं। आपने विकास के तमाम बड़े-बड़े दावे किए थे, जिसमें आप नाकाम साबित हुए। ऐसे में आप केवल और केवल अपनी असफलताओं को पुरानी सरकार के पीछे छुपा रहे हैं।
उन्होंने कहा, "पीएम मोदी को पुरानी सरकारों को दोष देने के बजाय अपने कार्यकाल की उपलब्धियों पर ध्यान देना चाहिए। महाराष्ट्र की जनता अब केवल वादों से नहीं, बल्कि परिणामों से प्रभावित होगी। मैं उनसे गुजारिश करता हूं कि वे 2009 की बातों को छोड़कर 2025 की बात करें। पीएम मोदी हर जगह राजनीति करते हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।"