Pakistan US Iran Attack: पाकिस्‍तान विश्‍वास करने योग्‍य देश नहीं : आनंद दुबे

शिवसेना (यूबीटी) ने पाकिस्तान पर हमला बोला, ईरान को विश्वास न करने की चेतावनी दी।
पाकिस्‍तान विश्‍वास करने योग्‍य देश नहीं : आनंद दुबे

मुंबई: ईरान-इजराइल में बढ़ रहे तनाव के बीच अमेरिका की ओर से हमला किए जाने के बाद स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई है। ऐसे में पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसे मालूम था कि अमेरिका ईरान पर हमला करेगा। उसने यहां तक कहा है कि अमेरिका ने इस हमले के लिए उसके हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया है। शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता आनंद दुबे ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाकिस्तान किसी का सगा नहीं है, वह विश्वास करने योग्य नहीं है।

आनंद दुबे ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा कि पाकिस्तान किसी का सगा नहीं है। ऐसा कोई देश नहीं जिसे पाकिस्तान ने धोखा न दिया हो, इसलिए उस पर अधिक विश्वास करने की आवश्यकता नहीं है। ईरान, अजरबैजान और चीन जैसे देशों यह बात समझनी चाहिए जो पाकिस्तान को अपना भाई मानते हैं। पाकिस्तान हमेशा अपने हित के लिए दूसरों की पीठ में छुरा घोंपता रहा है। वह किसी का स्थायी मित्र नहीं हो सकता।

उन्होंने ईरान को पाकिस्तान से सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा कि ईरान को यह समझने की जरूरत है कि पाकिस्तान कब, कैसे और किस तरह वार करता है।

पहलगाम हमले में आतंकवादियों को पनाह देने वाले दो लोगों की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि इस हमले को दो महीने से अधिक बीत चुका है, लेकिन अब तक चारों आतंकवादी पकड़े नहीं गए हैं। हम देश की खुफिया और जांच एजेंसियों से अपील करते हैं कि उन आतंकवादियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करे। ऐसे लोगों से बातचीत नहीं, बल्कि कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के मोदी सरकार से ईरान का साथ देने की मांग पर उन्होंने कहा कि हम सभी चाहते हैं कि ईरान और इजरायल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यस्थता करें और युद्ध विराम सुनिश्चित कराएं। भारत हमेशा शांति का पक्षधर रहा है और हम सब यही चाहते हैं कि दुनिया में अमन बना रहे। पीएम मोदी की वैश्विक छवि को देखते हुए यह जिम्मेदारी भी उन्हीं की बनती है। यदि यह युद्ध नहीं रुका तो दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध की ओर बढ़ सकती है।

ईरान के राष्ट्रपति की प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर हुई बातचीत पर उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को दोनों पक्षों को समझाकर पीछे हटने के लिए प्रेरित करना चाहिए ताकि युद्ध टाला जा सके। दोनों देशों को आपस में बातचीत कर विवाद का समाधान निकालना चाहिए।

 

 

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