मुंबई: राहुल गांधी को लेकर मचे राजनीतिक घमासान के बीच शिवसेना-यूबीटी ने खुलकर कांग्रेस सांसद का पक्ष लिया है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को लेकर टिप्पणी की थी, जिसने एक नए विवाद को जन्म दिया। कांग्रेस और उसके सहयोगी दल लगातार सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर सवाल उठा रहे हैं। इसी क्रम में 'इंडिया' ब्लॉक में कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना-यूबीटी ने कहा कि राहुल गांधी के बारे में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी हैरान करती है।
शिवसेना-यूबीटी ने अपने मुखपत्र पत्र 'सामना' में आरोप लगाए कि देशभक्ति की परिभाषा का दुरुपयोग हो रहा है। पार्टी ने कहा है, "2014 के बाद देश में यह गलत परिभाषा आम हो गई कि जो सरकार की 'हां में हां' मिलाता है वह देशभक्त है और जो सरकार पर सवाल उठाता है वह देशद्रोही है। इसी कसौटी के आधार पर केंद्र की सत्तारूढ़ सरकार ने देशभक्ति का सर्टिफिकेट और देशद्रोही का ठप्पा मारना शुरू कर दिया है।"
शिवसेना-यूबीटी ने 'सामना' के संपादकीय में राहुल गांधी का समर्थन करते हुए सुप्रीम कोर्ट की पूरी टिप्पणी का उल्लेख किया।
साथ ही, पार्टी ने सवाल किया, "राहुल गांधी सच्चे भारतीय हैं या नहीं, यह अदालत के सामने कोई मुद्दा ही नहीं था। इसलिए राहुल गांधी कितने 'सच्चे भारतीय' हैं या नहीं, इस पर अनावश्यक रूप से अपनी राय व्यक्त करके अदालत ने क्या हासिल किया? विपक्ष के नेता का यह कर्तव्य है कि वे लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े जनहित और राष्ट्रहित के मुद्दों पर सरकार से सवाल करे, अगर राहुल गांधी ने ऐसा किया तो इसमें क्या गलत था?"
'सामना' में आरोप लगाए गए हैं कि राहुल गांधी को संसद में बोलने नहीं दिया जाता है। 2020 के बाद विपक्षी दलों ने कई बार संसद में चीनी घुसपैठ का मुद्दा उठाने की कोशिश की। 'राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे' को ढाल बनाकर हमेशा घुसपैठ के मामले पर पर्दा डाला गया।
संपादकीय में चीन को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के बयानों का भी उल्लेख है। शिवसेना यूबीटी ने कहा, "सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी भी चीनी घुसपैठ पर हमेशा अपनी ही सरकार की तीखी आलोचना करते रहते हैं। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अक्सर चीन पर लद्दाख में 4067 वर्ग किलोमीटर भारतीय भूमि हड़पने का आरोप लगाया है। इस मामले में, उन्होंने सूचना के अधिकार का इस्तेमाल करके सरकार से जानकारी मांगी, लेकिन वह जानकारी देने से सरकार ने इनकार कर दिया।"
पार्टी ने सवाल उठाते हुए कहा, "जब सुब्रह्मण्यम स्वामी आरोप लगाते हैं कि चीन ने 4 हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक भूमि निगल ली है, तब किसी को बदनामी नहीं होती, लेकिन जब राहुल गांधी आरोप लगाते हैं कि चीन ने 2 हजार वर्ग किलोमीटर भारतीय भूमि पर कब्जा कर लिया है, तब भावनाओं को ठेस पहुंचती है और बदनामी होती है। यह किस तरह की बात है?"
'सामना' के संपादकीय में आखिर में लिखा गया है, "कुल मिलाकर, 2014 के बाद देश में झूठों के दिन आ गए हैं और सच बोलने और सरकार से सवाल करने वालों को 'भारत-विरोधी' माना जा रहा है। राहुल गांधी ने चीन पर भारत में घुसपैठ का आरोप लगाया है, यदि इस पर सुप्रीम कोर्ट के जहन में यह सवाल उठता है कि क्या वे 'सच्चे भारतीय' हैं, तो यह गंभीर बात है। क्या सुप्रीम कोर्ट चीनी घुसपैठ पर एक तथ्य-खोजी समिति का गठन करेगा?"