Shashank Mani UN Statement: भारत को आंख दिखाएंगे तो कड़ा प्रहार किया जाएगा : शशांक मणि

UN में पाक को फटकार, टैक्स सुधार की तारीफ और संसद ठप होने पर विपक्ष को घेरा: शशांक मणि
भारत को आंख दिखाएंगे तो कड़ा प्रहार किया जाएगा : शशांक मणि

नई दिल्ली:  उत्तर प्रदेश के देवरिया से सांसद शशांक मणि ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की ओर से पाकिस्तान को फटकार लगाए जाने पर कहा कि भारत तेजी से विकसित होने की ओर बढ़ रहा है। हमें पाकिस्तान से कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन, अगर कोई भारत को आंख दिखाने का प्रयास करेगा तो कड़ा जवाब मिलेगा।

बुधवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान देवरिया सांसद शशांक मणि ने कहा कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में, मैं अमेरिका गया था। हमने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन का मुद्दा उठाया। हाल ही में टीआरएफ को अमेरिका ने आतंकवादी संगठन घोषित कर लताड़ा है।

सांसद ने पाकिस्तान को नसीहत देते हुए कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद फैलाने के बजाए अपने लोगों के लिए प्रगति का रास्ता चुनना चाहिए। ताकि पाकिस्तानी लोग आग बढ़ सके। लेकिन, पाकिस्तान का दुर्भाग्य है कि वहां की सेना और नेता अपनी समस्याओं को सुलझाने की बजाय भारत पर हमले की कोशिश करते हैं। हमारे लिए आज की तारीख में पाकिस्तान से कोई दिक्कत नहीं है। देश विकसित भारत की ओर तेजी से बढ़ रहा है। अगर कोई भारत को आंख दिखाएगा, तो ऑपरेशन सिंदूर जैसे कदम उठाए जाएंगे।

मानसून सत्र के दौरान सदन के बार-बार स्थगित होने पर शशांक मणि ने चिंता जाहिर की है। उन्होंने बताया कि सरकार ऑपरेशन सिंदूर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और इसके लिए लोकसभा में 16 घंटे की बहस का समय निर्धारित किया गया है। हालांकि, विपक्ष ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) जैसे अन्य मुद्दों को भी उठाया, जिसे वे चर्चा में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। शशांक मणि ने विपक्ष से सदन को सुचारू रूप से चलाने की अपील की और जोर दिया कि विकसित भारत के लक्ष्य के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा, अन्यथा जनता विपक्षी गठबंधन को माफ नहीं करेगी।

शशांक मणि ने नए इनकम टैक्स बिल 2025 के बारे में कहा कि यह 1961 के पुराने इनकम टैक्स एक्ट को सरल बनाने के लिए लाया जा रहा है, ताकि सामान्य करदाताओं को टैक्स नियमों को समझने और उनका पालन करने में आसानी हो। इस बिल का उद्देश्य 'इज ऑफ बिजनेस' और 'इज ऑफ लिविंग' को बढ़ावा देना है, जिससे लोगों को टैक्स प्रक्रिया में कोई दिक्कत न हो। उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया, जो कर प्रणाली को पारदर्शी और सुगम बनाएगा।

 

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