एसजीपीसी ने गुरुद्वारों में विस्थापितों की दी पनाह, लंगर भी खोल दिए

एसजीपीसी ने सीमा तनाव के बीच विस्थापितों के लिए गुरुद्वारों में पनाह और लंगर की व्यवस्था की
langar service

चंडीगढ़: जम्मू कश्मीर में बीते रोज से जारी भारी शेलिंग में कई लोगों की जान जा चुकी है। एहतियात के तौर पर बोर्डर से लगे पंजाब के गांवों को भी बीएसएफ ने खाली करवा लिया है। ऐसे में यहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित पनाह और खाने की दिक्कत हो रही है। संकट की इस घड़ी में सिखों की सबसे बड़ी संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (एसजीपीसी) ने इंसानियत सेवा का बीड़ा उठाया है। एसजीपीसी ने सीमावर्ती क्षेत्रों के ऐतिहासिक गुरुद्वारों में ऐसे लोगों के लिए सराय बनाने और लंगर की व्यवस्था करने के आदेश दिए हैं। एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने यह आदेश जारी किए हैं।

पुंछ में गुरुद्वारा साहिब पर किए हमले, चार सिखों की मौत

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने भारत- पाकिस्तान सरहद पर पैदा हुए तनाव के बाद कश्मीर ने पुंछ इलाके में गुरुद्वारा साहिब पर किए गए हमले को दुखद करार दिया है। उन्होंने कश्मीर में हमले के दौरान मारे गए चार सिखों के प्रति भी गहरी संवेदना प्रकट की है। एसजीपीसी प्रधान ने कहा कि इस दुखद घटना ने सिख जगत को गहरे जख्म दिए हैं।

एसजीपीसी पीड़ित परिवारों से हमदर्दी जाहिर करती है। कोई भी व्यक्ति जो सीमा क्षेत्र से विस्थापित हुआ है, इन गुरुद्वारों में शरण ले सकता है। उन्हें न सिर्फ सुरक्षित आश्रय मिलेगा बल्कि तीन वक्त का लंगर भी पूरी सेवा-भावना से दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उदाहरण भी पेश करता है। जरूरत पड़ी तो अन्य गुरुद्वारों को भी इस पहल में शामिल किया जाएगा। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पाकिस्तान की ओर से जम्मू कश्मीर के पुंछ में गुरुद्वारे पर गोलाबारी करने पर कड़ी निंदा की है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि जहां सबके भले के लिए अरदास की जाती है, वहां इस प्रकार का हमला करना अत्यंत निंदनीय है। 

 

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