Indian Constitution On Religion: देश के लिए बड़ा मुद्दा है धर्मांतरण, महाराष्ट्र सरकार का फैसला स्वागत योग्य : संजय निरुपम

निरुपम बोले: धर्मांतरण रोकने का कानून जरूरी, गीता शिक्षण से बच्चों का विकास होगा।
देश के लिए बड़ा मुद्दा है धर्मांतरण, महाराष्ट्र सरकार का फैसला स्वागत योग्य : संजय निरुपम

नई दिल्ली:  महाराष्ट्र सरकार अगले सत्र में धर्मांतरण विरोधी कानून लाने पर विचार कर रही है। इस मुद्दे पर शिवसेना नेता संजय निरुपम का बयान आया है। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान ने धर्मांतरण पर स्पष्ट प्रावधान किए हैं। महाराष्ट्र में भी जल्द ही ऐसा कानून लाया जाएगा, जिसका हम स्वागत करते हैं।

शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कहा, "देश में धर्मांतरण शुरू से एक बड़ा मुद्दा रहा है। जब हम गुलाम थे और मुगलों या अंग्रेजों का शासन था, तब हमारे पास निश्चित रूप से इतनी ताकत नहीं थी कि हम धर्मांतरण के खिलाफ खड़े हो सकें। आज हम एक स्वतंत्र देश में रहते हैं। भारत के संविधान ने धर्मांतरण पर स्पष्ट प्रावधान किए हैं। इसमें प्रावधान है कि किसी पर जोर-जबरदस्ती या लालच देकर उसका धर्मांतरण नहीं कराया जा सकता है। विभिन्न राज्यों में जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून बनाए जा रहे हैं। महाराष्ट्र भी जल्द ही ऐसा कानून लाने वाला 11वां राज्य बनने जा रहा है, जिसका हम स्वागत करते हैं।"

उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में श्रीमद्भगवद्गीता पढ़ाए जाने के फैसले की शिवसेना नेता संजय निरुपम ने प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "उत्तराखंड सरकार का यह फैसला सराहनीय है। श्रीमद्भगवद्गीता में जीवन दर्शन और ऐसे ज्ञान के सूत्र हैं, जो मनुष्य के चरित्र निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। गीता का अध्ययन इंसान को श्रेष्ठ गुणों से संपन्न बनाता है। अगर हमारे बच्चों को प्रारंभ से ही गीता का अध्ययन कराया जाए, तो वे न केवल अच्छे इंसान बनेंगे, बल्कि समाज के लिए भी उपयोगी नागरिक बनकर उभरेंगे। यह निर्णय निश्चित ही बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए सकारात्मक साबित होगा।"

उत्तराखंड में 300 से ज्यादा फर्जी बाबाओं की गिरफ्तारी पर संजय निरुपम ने कहा, "धर्म और मजहब के नाम पर देश में कई फर्जी लोग अपनी दुकान चला रहे हैं। ऐसे फर्जी बाबाओं और मौलवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है। मैं उत्तराखंड सरकार को बधाई देता हूं, जिन्होंने फर्जी बाबाओं के खिलाफ कार्रवाई की है, जो पूरे धर्म को बदनाम करते हैं। इनके खिलाफ कदम उठाना सराहनीय है।"

विदेश मंत्री जयशंकर के आतंकवाद के मुद्दे पर दिए बयान को लेकर उन्होंने कहा, "भारत इस समय चीन के साथ द्विपक्षीय वार्ता में शामिल है। हमारे विदेश मंत्री चीन के दौरे पर हैं और भारत-चीन संबंधों में सबसे बड़ा मुद्दा पाकिस्तान है। पाकिस्तान लगातार भारत को अस्थिर करने की कोशिश करता है और आतंकवाद को बढ़ावा देता है, जिससे हमारे समाज और आम जनता के जीवन में अशांति फैलती है, जबकि चीन, पाकिस्तान का समर्थन कर उसे हर संभव मदद करता है। ऐसे में भारत-चीन वार्ता में पाकिस्तान और उसके द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा प्रमुख रहेगा, जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती।"

शुभांशु शुक्ला की पृथ्वी पर वापसी को लेकर संजय निरुपम ने कहा, "पूरे देश ने अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का स्वागत किया है। उन्होंने लगभग 1 लाख 40 हजार किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में रहकर मानव समाज के विकास हेतु महत्वपूर्ण अध्ययन किए। उनके साथ पूरी टीम का सुरक्षित वापसी भारत के लिए गर्व और खुशी का विषय है। हम सभी उनका हार्दिक स्वागत करते हैं और उनके योगदान को सलाम करते हैं।"

 

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