शिमला: चार बार के विधायक एवं एक बस चालक के बेटे सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को यहां एक समारोह में हिमाचल प्रदेश के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। समारोह में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने यहां ऐतिहासिक रिज मैदान में 58 वर्षीय सुक्खू के साथ ही निवर्तमान विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री (60) को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। अग्निहोत्री राज्य के पहले उपमुख्यमंत्री होंगे।
जमीनी स्तर के नेता एवं नादौन से विधायक सुक्खू का मुख्यमंत्री पद तक पहुंचना प्रदेश कांग्रेस में पीढ़ीगत बदलाव का संकेत है। राज्य की राजनीति में लंबे समय तक पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का वर्चस्व रहा और उन्होंने पांच दशक तक राज्य में कांग्रेस का मार्गदर्शन किया। पार्टी के नेताओं ने शपथग्रहण समारोह से पहले छह बार मुख्यमंत्री रहे सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुक्खू को उनके शपथ ग्रहण पर बधाई दी और ‘हिमाचल प्रदेश के विकास को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र से हरसंभव सहयोग’ का आश्वासन दिया।
देशभर में छत्तीसगढ़ और राजस्थान के बाद यह तीसरा राज्य है, जहां कांग्रेस की सरकार बनी है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी इस समारोह में शामिल हुए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हिमाचल प्रदेश के लिए कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और वरिष्ठ नेता सचिन पायलट भी शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रहे।
हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के गठन ने पार्टी में नयी ऊर्जा पैदा की है। उन्होंने कहा, ‘‘जब पहाड़ों से बदलाव की हवा चलती है, तो वह मैदानों तक जाती है।’’
शपथ ग्रहण समारोह को देखने के लिए पारंपरिक वेशभूषा पहने लोग बड़ी संख्या में रिज मैदान में एकत्र हुए। उन्होंने लोक संगीत की धुनों पर नृत्य किया और ‘सुक्खू भाई जिंदाबाद’ के नारे लगाए।
कुछ उत्साही समर्थकों ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के लिए अपने संभावित मंत्रियों को कंधों पर उठा लिया।
हालांकि, किसी अन्य नेता को आज शपथ नहीं दिलाई गई। राज्य मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 12 मंत्री हो सकते हैं।
शपथग्रहण समारोह में सुक्खू की मां, पत्नी और बेटियों समेत परिवार के सदस्य शामिल हुए।
सुक्खू को मुख्यमंत्री बनाया जाना इस बात के तौर पर देखा जा रहा है कि कांग्रेस एक आम कार्यकर्ता को शीर्ष पद दे रही है और पार्टी के शक्ति केंद्र को ऊपरी हिमाचल से निचले हिमाचल तक स्थानांतरित कर रही है।
सुक्खू को पार्टी के दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह का प्रतिद्वंद्वी माना जाता था। सुक्खू हमीरपुर जिले के नादौन के रहने वाले हैं और हिमाचल के निचले क्षेत्र के पहले कांग्रेस नेता हैं, जो इस शीर्ष पद तक पहुंचे हैं। इस क्षेत्र में नालागढ़, ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा और कुल्लू के निचले इलाके आते हैं।
वाई एस परमार, वीरभद्र सिंह और राम लाल ठाकुर सहित कांग्रेस के सभी पूर्व मुख्यमंत्री ऊपरी हिमाचल से थे।
सुक्खू भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रेम कुमार धूमल के बाद हमीरपुर जिले से दूसरे मुख्यमंत्री हैं।
हिमाचल सड़क परिवहन निगम के एक चालक के बेटे सुक्खू ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत राजकीय महाविद्यालय संजौली में कक्षा प्रतिनिधि के तौर पर की थी। वह एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष, युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे।
राज्य के शीर्ष पद के लिए उनके नाम की घोषणा करना कोई आसान काम नहीं था। प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने सुक्खू के नाम पर अपना विरोध दर्ज कराया था और कहा था कि मंडी से सांसद उनकी नेता को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। बहरहाल, सिंह ने बाद में कहा कि उन्होंने पार्टी आलाकमान के फैसले को स्वीकार कर लिया है।
एकजुट चेहरा दिखाने की कोशिश में, उनके परिवार को शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व द्वारा उचित स्थान दिया गया।
कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने वाली अंतिम कांग्रेस नेता प्रतिभा सिंह का गर्मजोशी से स्वागत किया गया और राहुल तथा प्रियंका गांधी ने उन्हें गले लगाया। वह मंच पर प्रियंका गांधी के बगल में बैठी थीं।
राहुल गांधी ने प्रतिभा सिंह और उनके विधायक पुत्र विक्रमादित्य सिंह के साथ तस्वीर खिंचवाई।
इससे पहले, सुक्खू व्यक्तिगत रूप से प्रतिभा सिंह के निवास स्थान होली लॉज पहुंचे और उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि ‘पहला निमंत्रण’ सिंह को दिया गया, क्योंकि वह राज्य में कांग्रेस संगठन की नेता हैं।
पत्रकार से नेता बने उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का ब्राह्मण चेहरा हैं और उनकी पदोन्नति के साथ, पार्टी को अपने प्रति समुदाय का समर्थन बरकरार रहने की उम्मीद है।
अग्निहोत्री मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे थे, लेकिन पार्टी ने नादौन के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू को शीर्ष पद के लिए और उन्हें उपमुख्यमंत्री के रूप में चुना।
ऊना जिले के हरोली से पांच बार विधायक रहे अग्निहोत्री एक कांग्रेसी परिवार से हैं और उनके पिता ओंकार शर्मा ने जिला जनसंपर्क अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद 1988 में संतोकगढ़ (अब हरोली) से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे।
जनसंपर्क और विज्ञापन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा रखने वाले अग्निहोत्री ने हिंदी दैनिक ‘वीर प्रताप’ में संवाददाता के रूप में अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की थी और राजनीति में आने से पहले वह ‘जनसत्ता’ में ब्यूरो प्रमुख थे।
उन्होंने 2003, 2007, 2012, 2017 और 2022 में हरोली से विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबी माने जाने वाले अग्निहोत्री राज्य के उद्योग मंत्री भी रह चुके हैं।
कांग्रेस ने 12 नवंबर को हुए चुनाव में हिमाचल प्रदेश विधानसभा की 68 में से 40 सीट जीतकर भाजपा से सत्ता छीन ली।
—भाषा