नागपुर: मालेगांव ब्लास्ट मामले में एनआईए कोर्ट ने सात आरोपियों को बरी कर दिया है, जिसमें साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी शामिल हैं। बरी होने के बाद उन्होंने दावा किया कि जेल में रहने के दौरान उन पर कई बड़े लोगों का नाम लेने का दबाव बनाया गया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा, "जब साध्वी ने कहा है तो सही होगा, क्योंकि बहुत पहले से ये षडयंत्र चला आ रहा है। लेकिन, अब न्यायालय के निर्णय के बाद सिद्ध हुआ कि ये षड्यंत्र था। अब एजेंसी और सरकार का काम है कि ये षड्यंत्र किसने किया है, उसे ढूंढे।"
महाराष्ट्र में जारी हिंदी-मराठी भाषा विवाद पर उन्होंने कहा, "देश में जितनी भी भाषाएं हैं, वे सभी भारत की भाषाएं हैं। हम सभी का सम्मान करते हैं। जोड़ने वाली भाषा एक होनी चाहिए। बहुत पहले से हमने कहा कि देश को जोड़ने वाली भाषा हिंदी है।"
जोशी ने धर्मांतरण के विषय पर कहा, "धर्मांतरण का विषय बहुत ही गंभीर है। नागालैंड और मिजोरम में आज से नहीं बल्कि 200 से 250 सालों से यह चल रहा है। आज भी यह जारी है। हमें खुशी है कि ईसाई समाज से कुछ संस्थाएं सामने आई हैं, जो कहती हैं कि हम धर्मांतरण के खिलाफ हैं। ऐसे लोगों का हम स्वागत करते हैं।"
उन्होंने कहा, "जो धर्मांतरण के तहत गए हैं, उन्हें हम घर वापस बुला रहे हैं। जनजागरण कर रहे हैं। समझा रहे हैं। यह प्रक्रिया भी अच्छी चल रही है। धर्मांतरण रोकने का भी प्रयास किया जा रहा है। धर्मांतरण का सबसे बड़ा कारण गरीबी और अज्ञान है। साथ ही समाज के लोगों की अनदेखी भी कुछ मात्रा में इसका कारण है।"