सच्चखंड श्री हरमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी ने बंदी छोड़ दिवस की शुभकामनाएं दी

सच्चखंड श्री हरमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी ने बंदी छोड़ दिवस की शुभकामनाएं दी

अमृतसर, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। सच्चखंड श्री हरमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी रघुबीर सिंह ने दीपावली और बंदी छोड़ दिवस के पावन अवसर पर देश-विदेश की सिख संगत को हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

उन्होंने संगत से प्रदूषण-मुक्त दीवाली मनाने और बंदी सिखों की रिहाई की मांग की। इस मौके पर श्री हरमंदिर साहिब में रात को भव्य दीपमाला और आतिशबाजी का आयोजन होगा।

ज्ञानी रघुबीर सिंह ने बताया कि बंदी छोड़ दिवस छठे गुरु, श्री हरगोबिंद साहिब जी की प्रेरक परंपरा को याद करता है। गुरु साहिब ने ग्वालियर किले से 52 राजाओं को मुक्त करवाया था, जिसके बाद अमृतसर में संगत ने दीये जलाकर उनका स्वागत किया। यही परंपरा आज भी श्री हरमंदिर साहिब में दीपमाला के रूप में जीवित है। हर साल लाखों श्रद्धालु इस अवसर पर यहां हाजिरी लगाते हैं।

उन्होंने कहा कि यह पर्व केवल उत्सव का नहीं, बल्कि आत्मिक चिंतन और मानवता की सेवा का अवसर है। गुरु साहिब के जीवन से प्रेरणा लेकर हमें सच्चाई, सेवा और समर्पण के मार्ग पर चलना चाहिए। ज्ञानी जी ने संगत से अपील की कि वे अपने मन के विकारों को दूर कर सच्ची मुक्ति की अरदास करें।

इस साल भी श्री हरमंदिर साहिब में रात को दीपमाला और आतिशबाजी से परिसर जगमगाएगा। ज्ञानी रघुबीर सिंह ने संगत से पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रदूषण-मुक्त दीवाली मनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि दीये जलाकर और सादगी से त्योहार मनाकर हम वातावरण को स्वच्छ रख सकते हैं।

अंत में ज्ञानी जी ने बंदी सिखों की रिहाई की मांग दोहराई, ताकि वे भी अपने परिवारों के साथ यह पर्व मना सकें। उन्होंने संगत से गुरु साहिब के दिखाए मार्ग पर चलने और समाज में प्रेम व भाईचारा फैलाने का संदेश दिया। यह पर्व हमें एकजुटता और मानवता के मूल्यों को मजबूत करने की प्रेरणा देता है।

--आईएएनएस

एसएचके/डीएससी

Related posts

Loading...

More from author

Loading...