मुरादाबाद: समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद रुचि वीरा ने मौलाना अरशद मदनी के बयान को लेकर कहा कि सरकारों का काम लोगों को सहूलियत देना है। उन्हें अस्पताल, सड़क और स्कूल बनाने चाहिए। लेकिन, लोगों को मजहब के नाम पर टारगेट किया जा रहा है।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी और आजम खान पर हुई कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। कार्रवाई बदले की भावना से हो रही है। किसी एक मजहब के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। आजम खान के साथ जो हुआ है, वह किसी के साथ नहीं हुआ है। भगवान करे, ऐसा किसी के साथ न हो।
एसआईआर को लेकर उन्होंने कहा कि सदन के अंदर और बाहर हमें इसका विरोध करना पड़ा है। महागठबंधन ने भी इसका विरोध किया है। चुनाव आयोग पक्षपात न करे। सभी का वोटर कार्ड बनना चाहिए और नागरिकों को उनका हक मिलना चाहिए। जहां लोगों को हिरासत में लेने की बात हो रही है, वह लोगों में खौफ पैदा करने के लिए हो रही है। जिस तरह सरकारी एजेंसी का इस्तेमाल अपने उद्देश्य के लिए किया जा रहा है, वह ठीक नहीं है। संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। प्यार, मोहब्बत और सौहार्द की बात नहीं हो रही, बल्कि डराने और धमकाने की बात हो रही है।
पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद बनाने के टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर के बयान पर रुचि वीरा ने कहा कि राजनीतिक लोग विकास की बात करें, सड़क, अस्पताल, पुल या एयरपोर्ट, किसानों के हित में ध्यान दें। मंदिर और मस्जिद बनाना धर्मगुरुओं का काम है।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉक्टरों के आतंकी कनेक्शन पर उन्होंने कहा कि दोषी तो दोषी होता है। चाहे वह किसी भी समाज का हो या किसी भी पद का हो, लेकिन जांच निष्पक्ष होनी चाहिए। आज के समय में जिस तरह से जांच हो रही है, उस पर भी संदेह है।
झारखंड सरकार में मंत्री इरफान अंसारी के बयान पर उन्होंने कहा कि जिस तरह एसआईआर की प्रक्रिया बिहार में हुई है, वाकई में चुनाव का बहिष्कार कर देना चाहिए। आजम खान को फिर से जेल भेजना दुर्भाग्यपूर्ण है।
--आईएएनएस
