Mohan Bhagwat Visit : मोहन भागवत 3 दिन के प्रवास पर मणिपुर पहुंचे, पूर्वोत्तर में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा संघ

जातीय तनाव के बीच मोहन भागवत का मणिपुर दौरा, शताब्दी समारोह से जुड़ा प्रमुख कार्यक्रम
मोहन भागवत 3 दिन के प्रवास पर मणिपुर पहुंचे, पूर्वोत्तर में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा संघ

इंफाल: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत गुरुवार को मणिपुर के तीन दिन के दौरे पर इंफाल पहुंचे। मई 2023 में राज्य में जातीय तनाव शुरू होने के बाद यह उनका मणिपुर का पहला दौरा है।

आरएसएस के एक राज्य पदाधिकारी ने बताया कि मोहन भागवत का यह दौरा आरएसएस के देशभर में शताब्दी समारोह का हिस्सा है। पदाधिकारी ने कहा कि असम के चार दिन के दौरे के बाद यहां आने पर 70 वर्षीय भागवत का इंफाल हवाई अड्डे पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

आरएसएस प्रमुख भागवत इंफाल ईस्ट जिले के कोंगजेंग लेइकाई में स्थित आरएसएस सेंटर भास्कर प्रभा पहुंचे। राज्य पदाधिकारी के अनुसार मोहन भागवत अपने तीन दिन के प्रवास के दौरान कार्यकर्ताओं और संगठन के सदस्यों के साथ बंद कमरे में कई बैठकों में हिस्सा लेंगे।

इसके अलावा, वह मणिपुर घाटी और पहाड़ी इलाकों के उद्यमियों, आदिवासी समुदायों, सिविल सोसाइटी संगठनों, जाने-माने नागरिकों और राज्य के युवा संगठनों के नेताओं से भी बातचीत करेंगे। मणिपुर में नई सरकार बनाने की कोशिशों के बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का दौरा राज्य में एक नया मोड़ ला सकता है।

3 मई 2023 को मेइतेई और कुकी-ज़ो आदिवासी समुदायों के बीच जातीय हिंसा शुरू होने के बाद यह उनका मणिपुर का पहला दौरा है। आरएसएस प्रमुख भागवत ने आखिरी बार 2022 में राज्य का दौरा किया था।

अभी यह तय नहीं है कि भागवत रिलीफ कैंप जाएंगे या नहीं, जहां पिछले दो साल से ज्यादा समय से हिंसा से प्रभावित हजारों बेघर लोग रह रहे हैं। मेइतेई समुदाय को शेड्यूल्ड ट्राइब का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आयोजित 'ट्राइबल सॉलिडेरिटी मार्च' के बाद हुई जातीय हिंसा में 260 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 1,500 घायल हुए थे। वहीं 70,000 से अधिक लोग बेघर हो गए। एन. बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के चार दिन बाद 13 फरवरी से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है।

आरएसएस के शताब्दी समारोह के हिस्से के रूप में मोहन भागवत 17 नवंबर को असम के चार दिन के दौरे पर गुवाहाटी पहुंचे थे। यह दौरा संगठन के 100वें वर्ष के उपलक्ष्य में देशभर में चल रहे कार्यक्रम का अहम हिस्सा था। गुवाहाटी में उन्होंने जाने-माने नागरिकों, बुद्धिजीवियों, विद्वानों, संपादकों, लेखकों और उद्यमियों से बातचीत की।

मोहन भागवत का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब आरएसएस नॉर्थ-ईस्ट इलाके में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है। पिछले एक दशक में संगठन की गतिविधियां इस क्षेत्र में काफी बढ़ी हैं। संघ के शताब्दी समारोह को संगठन अपनी सोच को मजबूत करने और समाज के बड़े हिस्से से जुड़ने का अवसर मान रहा है।

गुवाहाटी दौरे के दौरान मोहन भागवत ने असम और नॉर्थ-ईस्ट के युवाओं से अपील की कि वे पहले से बनी सोच या गलत प्रचार के आधार पर आरएसएस के बारे में राय न बनाएं। उन्होंने युवाओं से संघ को नजदीक से देखने और समझने की भी बात कही।

भागवत ने संघ के सिद्धांतों, आदर्शों और कामकाज पर महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों के 100 से ज्यादा युवा प्रतिनिधियों के सामने संगठन के बारे में हुई बहसों और चर्चाओं पर भी जोर दिया।

 

 

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