नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान स्पष्ट किया कि किसी भी राष्ट्राध्यक्ष से भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता को लेकर बात नहीं हुई थी। इस पर भाजपा नेता आरपी सिंह ने विपक्षी दलों पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को विदेशी नेताओं की बातों पर ज्यादा भरोसा रहता है।
आरपी सिंह ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि विदेश मंत्रालय ने पहले ही स्पष्ट रूप से बताया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति और हमारे प्रधानमंत्री के बीच क्या बातचीत हुई। लेकिन, विपक्ष इसे मानने से इनकार कर रहा है, वे केवल विदेशी नेताओं की बातों पर ही भरोसा करते हैं। चाहे पी. चिदंबरम हों, प्रणीति शिंदे हों या अन्य कांग्रेस नेता, वे ऐसे बयान देते हैं जो पाकिस्तान को फायदा पहुंचाते हैं। वे पाकिस्तान को फायदा पहुंचाने वाली बातें कहने में जरा भी नहीं हिचकिचाते। प्रणीति शिंदे के पिता ने देश में हुए आतंकी हमले को भगवा आतंकवाद तक कहा है। कांग्रेस की प्रथा रही है कि वह भारतीय सेना के पराक्रम पर सवाल उठाती रही है।
आरपी सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया और उन्हें प्रतिनिधिमंडल के रूप में भेजा ताकि दुनिया एक अखंड भारत को देख सके कि भारत हमेशा से अखंड रहा है। यह संदेश देने के लिए प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों में भेजे गए। हालांकि, कुछ राजनीतिक दल इसे मानने से इनकार कर रहे हैं। जिस तरह से वे संसद में व्यवहार कर रहे हैं और सवाल उठा रहे हैं, वह एकता के उस संदेश को कमजोर करने का प्रयास है।
बिहार में आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय में बढ़ोतरी पर भाजपा नेता आरपी सिंह ने कहा कि नीतीश सरकार का यह फैसला स्वागतयोग्य है।
उन्होंने कहा कि पीओके भारत का अभिन्न अंग है। हर चीज का एक समय होता है और एक रणनीति होती है। जब सही समय होगा और रणनीति बनाई जाएगी और उस समय पीओके भारत का हिस्सा होगा।