Robert Vadra Interview : बैलेट पेपर से चुनाव हुए तो बिहार इलेक्शन के परिणाम पलट जाएंगे : रॉबर्ट वाड्रा (आईएएनएस साक्षात्कार)

वाड्रा ने बिहार चुनाव पर सवाल उठाए, बैलेट पेपर से दोबारा मतदान की मांग
बैलेट पेपर से चुनाव हुए तो बिहार इलेक्शन के परिणाम पलट जाएंगे : रॉबर्ट वाड्रा (आईएएनएस साक्षात्कार)

इंदौर: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति एवं व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा ने आईएएनएस से खास बातचीत में बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि अगर बिहार में बैलेट पेपर से चुनाव हुए तो नतीजे पूरी तरह उलट जाएंगे। राहुल गांधी के विदेश दौरे, परिवारवाद के आरोपों और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार की कथित कलह पर भी वाड्रा ने बातचीत की।

आईएएनएस के साथ वाड्रा की खास बातचीत के प्रमुख अंश कुछ इस प्रकार हैं:

सवाल: आपकी धार्मिक यात्राओं को विपक्ष हमेशा राजनीति से जोड़ता है, इसे कैसे देखते हैं?

जवाब: मैं गांधी परिवार का हिस्सा हूं। गांधी परिवार के खिलाफ कुछ भी बोलना हो तो मेरा नाम सबसे पहले लिया जाता है। मैं जमीन से जुड़ा व्यक्ति हूं, लोगों की समस्याएं सुनता हूं, उनका समाधान ढूंढने की कोशिश करता हूं। यात्राओं में जो लोग मुझसे मिलते हैं, वे किसी पार्टी विशेष के नहीं होते, वे जमीनी हकीकत बताते हैं। मैं उनकी आवाज को बुलंद करता हूं। भाजपा 11 साल से सत्ता में है और मेरे खिलाफ झूठी बातें फैलाती रही है। 2014 के बाद से मुझ पर बेबुनियाद आरोप लगाए गए। ईडी ने जांच की, लेकिन कुछ गलत नहीं मिला। मुझे जानबूझकर गलत तरीके से पेश किया जाता है, लेकिन जनता सब समझती है। अपनी राजनीतिक नाकामी छिपाने के लिए वे नेहरू जी का नाम तक लेते हैं।

सवाल: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों को आप कैसे देखते हैं?

जवाब: यह चुनाव बिल्कुल ठीक नहीं था। सिर्फ इसलिए नहीं कि महागठबंधन हार गया, बल्कि ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया। लोगों के मन में शक है कि धांधली हुई है। हर तरफ यही चर्चा है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार भाजपा की ‘बी-टीम’ हैं। तेजस्वी यादव के लिए, राहुल और प्रियंका को सुनने के लिए लाखों लोग सड़कों पर उतरे थे, फिर भी इस तरह के नतीजे आए। ये साफ-सुथरा और निष्पक्ष चुनाव नहीं था। लोगों का विश्वास डगमगा गया है, वे विरोध जरूर करेंगे।

सवाल: क्या बैलेट पेपर से चुनाव होने चाहिए?

जवाब: बिल्कुल। हम लंबे समय से कह रहे हैं कि अगर बिहार में बैलेट पेपर से दोबारा चुनाव कराया जाए तो नतीजे पूरी तरह उलट जाएंगे। नीतीश कुमार 20 साल से सत्ता में थे, जनता बदलाव चाहती थी। अगर इसी तरह सरकारें बनती रहेंगी तो लोकतंत्र कहां बचेगा? किसी से भी पूछ लीजिए, लोगों को इस चुनाव की निष्पक्षता पर भरोसा नहीं है। राहुल गांधी ने हरियाणा-महाराष्ट्र में भी फर्जी वोट और ईवीएम में गड़बड़ी की बात कही थी। अगर फर्जीवाड़े के तहत सरकार बनेगी तो अब जनता विश्वास नहीं कर रही।

सवाल: क्या राहुल गांधी राजनीति के लिए फिट नहीं हैं?

जवाब: अगर हम जीत जाते तो यही लोग कहते कि राहुल गांधी अगले पीएम हैं। इतनी मेहनत करने वाले व्यक्ति पर सवाल उठाना आसान है। राहुल और प्रियंका ने अपने परिवार के बड़ों से बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने जीत भी देखी, हार भी देखी। इनका कोई असर उन पर नहीं पड़ता। उनका फोकस सिर्फ देश की प्रगति और भारत को धर्मनिरपेक्ष रखने पर है। राजनीति इस परिवार के खून में है। देश और जनता के प्रति उनका प्रेम अटूट है। आरोप लगाने से वे नहीं रुकेंगे। आज भी राहुल बिहार में हैं, जनता उनके साथ है।

सवाल: राहुल गांधी के विदेश दौरों पर भाजपा हमलावर रहती है।

जवाब: दिल्ली में बम धमाका हुआ और पीएम भूटान चले गए। लोग मारे गए थे, देश को उस दिन लीडर की जरूरत थी। राहुल इतनी मेहनत के बाद अगर परिवार या किसी मित्र से मिलने विदेश जाते हैं तो इल्जाम लगता है। यह दोहरा मापदंड है। असली मुद्दे बेरोजगारी, महिलाओं की सुरक्षा और निष्पक्ष चुनाव हैं। हमें ऐसा देश बनाना है जो बाहर वालों को भी साफ-सुथरा और ईमानदार लगे। हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है कि कौन कहां जा रहा है।

सवाल: नेपाल की तरह भारत में सत्ता-पलट या अराजकता की आशंका है? राहुल गांधी जेनजी जैसे बयान देते रहे हैं।

जवाब: मैं कभी नहीं चाहूंगा कि हिंसा हो। जेनरेशन जेड को हिंसक तरीके से सड़क पर नहीं लाना चाहिए। लेकिन लोग गुस्से में हैं। जहां उन्हें लगेगा कि चुनाव चोरी हुए हैं, वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात जरूर रखेंगे।

सवाल: लालू यादव परिवार में कथित कलह को कैसे देखते हैं?

जवाब: मैं उनके पारिवारिक मामलों पर टिप्पणी नहीं कर सकता। लालू प्रसाद यादव से मैं कई बार मिला हूं, और मैं पूरे परिवार का सम्मान करता हूं। परिवार को एकजुट रहना चाहिए। सत्ता-पॉलिटिक्स अलग है, और परिवार अलग है। मैं खुद कई साल से परेशान रहा, लेकिन कभी देश छोड़ने की नहीं सोची। चुनाव जीतना-हारना अलग बात है, लेकिन परिवार को एकजुट रहना चाहिए।

सवाल: हार के बाद राहुल गांधी को अपनी टीम बदलनी चाहिए?

जवाब: यह राहुल का फैसला है। मैं उनकी टीम की ओर से नहीं बोल सकता। मैं जमीनी स्तर पर काम करता हूं, लाखों लोगों से मिलता हूं, उनकी बात राहुल-प्रियंका तक पहुंचाता हूं। मेरा परिवार निडर है; हमेशा देशहित में काम करते रहेंगे।

--आईएएनएस

 

 

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