Rajkumar Verka Statement : सिख संगत को धार्मिक यात्रा पर पाकिस्तान जाने की अनुमति दे सरकार: कांग्रेस नेता डॉ. राजकुमार वेरका

सिख जत्थों की पाकिस्तान यात्रा पर रोक, वेरका का केंद्र पर हमला
सिख संगत को धार्मिक यात्रा पर पाकिस्तान जाने की अनुमति दे सरकार: कांग्रेस नेता डॉ. राजकुमार वेरका

अमृतसर: कांग्रेस नेता डॉ. राजकुमार वेरका ने गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व के अवसर पर सिख जत्थों को पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं दिए जाने पर कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि जब क्रिकेट जैसे आयोजनों के लिए अनुमति दी जा सकती है तो सिख संगत को भी धार्मिक यात्रा के लिए पाकिस्तान जाने की इजाजत मिलनी चाहिए।

वेरका ने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार को सिख समुदाय की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। 14 सितंबर को भारत-पाकिस्तान के बीच खेले गए एशिया कप क्रिकेट मैच का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब भारतीय क्रिकेटरों को हंसते-खेलते पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेलने की सरकारी अनुमति मिल सकती है तो सिख संगत को पाकिस्तान में गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शन की जाने की इजाजत भी दी जानी चाहिए।

आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा यह मांग केवल कांग्रेस या अकाली दल की नहीं, बल्कि विश्वभर में गुरु नानक देव के अनुयायियों की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करती है। वेरका ने बताया कि दुनियाभर की संगत ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सिख जत्थों को पाकिस्तान में गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शन की अनुमति देने की मांग की है।

भारत-पाकिस्तान के बीच खेले गए एशिया कप क्रिकेट मैच का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि जब सरकार क्रिकेटरों को पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेलने की अनुमति दे सकती है, तो बाबा नानक की आस्था के लिए दुआ करने और आशीर्वाद लेने वाली संगत को क्यों रोका जा रहा है?

वेरका ने इसे सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ बताया और कहा कि चाहे हालात कैसे भी हों, गुरु नानक की पावन धरती पर दर्शन के लिए संगत को कभी नहीं रोका गया। यह पहली बार है कि ऐसी रोक लगाई जा रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से तत्काल यह रोक हटाने और सिख संगत को पाकिस्तान जाकर दर्शन करने की अनुमति देने की मांग की।

उन्होंने कहा कि यह यात्रा केवल धार्मिक नहीं, बल्कि विश्व शांति, देश की प्रगति और पंजाब के कल्याण के लिए दुआ करने का अवसर है। सरकार को संगत की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और उनके धार्मिक अधिकारों को सुनिश्चित करना चाहिए।

 

 

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