नई दिल्ली: स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर एसआईआर को लेकर केंद्र पर भड़ास निकाली है। राहुल गांधी ने कहा कि एसआईआर के नाम पर देश भर में अफरातफरी मचा रखी है। इसी का नतीजा है कि तीन हफ्तों में 16 बीएलओ की जान चली गई।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने ऐसा सिस्टम बनाया है जिसमें नागरिकों को खुद को तलाशने के लिए 22 साल पुरानी मतदाता सूची के हजारों स्कैन पन्ने पलटने पड़ें। मकसद साफ है, सही मतदाता थककर हार जाए, और वोट चोरी बिना रोक-टोक जारी रहे। भारत दुनिया के लिए अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर बनाता है, मगर भारत का चुनाव आयोग आज भी कागजों का जंगल खड़ा करने पर ही अड़ा है। उन्होंने कहा कि एसआईआर कोई सुधार नहीं, थोपा गया जुल्म है।
राहुल गांधी ने कहा कि अगर नीयत साफ होती तो लिस्ट डिजिटल, सर्चेबल और मशीन-रीडेबल होती और ईसीआई 30 दिन की हड़बड़ी में अंधाधुंध काम ठेलने के बजाय उचित समय लेकर पारदर्शिता और जवाबदेही पर ध्यान देता।
उन्होंने कहा कि एसआईआर एक सोची-समझी चाल है, जहां नागरिकों को परेशान किया जा रहा है और बीएलओ के अनावश्यक दबाव से मौतों को “कॉलैटरल डैमेज” मान कर अनदेखा कर दिया। यह नाकामी नहीं, षड़यंत्र है और सत्ता की रक्षा में लोकतंत्र की बलि है।
राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा के लाखों लोग खुलेआम अलग-अलग राज्यों में घूम-घूमकर वोट डालते हैं और इस चोरी को छुपाने के लिए सारे सबूत मिटा दिए जाते हैं। भाजपा और चुनाव आयोग मिलकर खुलेआम वोट चोरी कर रहे हैं। लोकतंत्र की हत्या लाइव चल रही है।
इससे पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव आयोग के खुद के आंकड़े बता रहे हैं कि 99.48 प्रतिशत फॉर्म बांट दिए गए हैं, लेकिन असल में कई लोगों को फॉर्म नहीं मिले। बस कंप्यूटर पर डाल दिया कि फॉर्म बांट दिए गए। ये काम बीजेपी के इशारे पर हो रहा है।
अखिलेश ने भाजपा पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि मुद्दों में वे हार गए हैं। महंगाई बढ़ा दी, पेट्रोल-डीजल महंगा कर दिया, बिजली का बिल बढ़ा दिया, दवाइयां नहीं हैं, इलाज नहीं है, मेडिकल कॉलेज नहीं चल रहे, सड़कें टूटी हैं, एम्बुलेंस बेकार कर दी, पुलिस भ्रष्ट हो गई। अब जनता का ध्यान भटकाने के लिए एसआईआर में उलझाया जा रहा है।
--आईएएनएस
