नई दिल्ली: राहुल गांधी ने दावा किया कि विपक्ष के नेता के रूप में उन्हें संसद में बोलने का अवसर नहीं दिया जा रहा है। इस पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, "संसद में बोलने की व्यवस्था संवैधानिक प्रक्रियाओं के अनुसार होती है।"
शेखावत ने कहा, "सदन में व्यवस्था तय करने का अधिकार पीठासीन अधिकारी के पास है। लोकसभा अध्यक्ष ने सभी पक्षों से प्राप्त सुझावों पर विचार करने के बाद उचित निर्णय लिया है। मुझे लगता है कि राहुल गांधी को पहले दिन से ही उनके परिवार के विशेषाधिकार (प्रिविलेज) के कारण जो सुविधाएं मिलती रही हैं, अब वह नहीं मिल रही हैं, जिसका उन्हें दुख हो रहा है।"
वहीं, इस पर भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा कि यह बयान सही नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बहुत ही स्पष्ट और प्रांजल तरीके से कहा था कि सरकार ऑपरेशन सिंधु पर चर्चा के लिए तैयार है।
सारंगी ने आगे कहा, "लोकसभा की कार्यवाही बिजनेस एडवाइजरी कमेटी के माध्यम से तय होती है। इस कमेटी में सभी उठाए गए मुद्दों पर चर्चा होगी। इसके बाद यह निर्णय लिया जाएगा कि किन मुद्दों को लोकसभा में प्राथमिकता दी जाए। संसद की कार्यवाही एक संवैधानिक प्रक्रिया, नीति और नियमों के तहत चलती है। यह किसी की इच्छा या मनमानी से नहीं चलती। संसद हमारी नीतियों और प्रक्रियाओं के दायरे में रहकर संचालित होती है।"
उन्होंने राहुल गांधी को सलाह दी, "इस मामले में धैर्य और संयम की जरूरत है। शांति से अपनी बात सुनें, बोलें और रखें। जब उचित समय आएगा, तब निश्चित रूप से उन्हें बोलने का मौका मिलेगा। हम सभी उनकी बात सुनना चाहते हैं।"
बता दें कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को संसद के मानसून सत्र के दौरान पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति शोक प्रकट किया और आतंकवाद के खिलाफ केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता भी दोहराई।