नई दिल्ली: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ चार्जशीट को 'षड्यंत्र का हिस्सा' करार दिया है। राहुल गांधी ने आरोप लगाए कि उनके बहनोई रॉबर्ट वाड्रा को पिछले दस साल से यह सरकार (भाजपा सरकार) परेशान कर रही है।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "मेरे जीजा रॉबर्ट वाड्रा को पिछले दस सालों से यह सरकार परेशान कर रही है। यह चार्जशीट उसी षड्यंत्र का एक और हिस्सा है। मैं रॉबर्ट, प्रियंका और उनके बच्चों के साथ हूं, क्योंकि वे दुर्भावनापूर्ण, राजनीतिक रूप से प्रेरित आरोपों और उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं।"
कांग्रेस सांसद ने आगे लिखा, "मुझे पूरा विश्वास है कि वे सभी किसी भी तरह के अत्याचार का साहसपूर्वक सामना करने में सक्षम हैं और वे हमेशा की तरह गरिमा के साथ इसे सहन करेंगे। आखिरकार सच्चाई की जीत होगी।"
केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ शिकोहपुर भूमि से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में चार्जशीट दाखिल की। ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनी की 37.64 करोड़ रुपए की 43 संपत्तियों को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अटैच भी किया।
ईडी की चार्जशीट के अनुसार, रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुरुग्राम जिले के शिकोहपुर गांव में 3.53 एकड़ जमीन ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 7.5 करोड़ रुपए में 'झूठे दस्तावेजों' के आधार पर 'धोखाधड़ी' से खरीदी थी। इसमें यह भी कहा गया है कि रॉबर्ट वाड्रा ने 'रसूख' का इस्तेमाल कर खरीदी गई जमीन पर व्यावसायिक लाइसेंस हासिल किया।
यह जमीन खरीद सौदा फरवरी 2008 में हुआ था, जब हरियाणा में कांग्रेस की सरकार थी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे। नामांतरण की प्रक्रिया, जिसमें आमतौर पर महीनों लगते हैं, वह अगले ही दिन पूरी हो गई थी।
कुछ महीनों बाद रॉबर्ट वाड्रा को वहां एक हाउसिंग सोसाइटी बनाने की अनुमति मिल गई और उस जमीन की कीमत काफी बढ़ गई। जून में उन्होंने यह जमीन डीएलएफ को 58 करोड़ रुपए में बेच दी।
ईडी को संदेह है कि इस सौदे से मिली रकम मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा हो सकती है। फिलहाल ईडी इसकी जांच कर रही है।
इस साल अप्रैल में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा से ईडी ने कई दौर की पूछताछ की थी और उनका बयान दर्ज किया था।