नई दिल्ली, 18 नवंबर (आईएएनएस)। रॉबर्ट वाड्रा ने मंगलवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के बारे में कहा कि राजनीति उनके खून में गहराई से बहती है। वे राष्ट्र के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने की रक्षा के लिए समर्पित हैं और इसे चुनाव जीतने या हारने से ऊपर प्राथमिकता देते हैं।
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि राहुल गांधी के लिए चुनाव जीतना पहली प्राथमिकता नहीं है, बल्कि देश की धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था को बचाना ज्यादा जरूरी है। उनका यह बयान बिहार चुनाव के नतीजों के बाद आया है।
चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस और उसके साथी दल जोर-शोर से वोट चोरी का आरोप लगा रहे हैं। वे कह रहे हैं कि भाजपा और चुनाव आयोग मिलकर वोटर लिस्ट से लोगों के नाम कटवा रहे हैं ताकि विपक्ष के वोट कम हो जाएं। हालांकि, भाजपा इन सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर रही है।
दरअसल, बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस और महागठबंधन ने वोट चोरी को लेकर आक्रामक अभियान चलाया था।
रॉबर्ट वाड्रा ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "राहुल और प्रियंका लोकतंत्र की भावना की रक्षा के लिए लड़ रहे थे और चुनावी जीत-हार उनके लिए ज्यादा मायने नहीं रखती।"
उन्होंने कहा कि राहुल और प्रियंका ने अपने पूर्वजों से सीखा है। उन्होंने कई जीत और हार देखी हैं। जीत और हार का उन पर कोई असर नहीं पड़ता, उनका ध्यान देश की प्रगति और भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाए रखने पर है। राजनीति उनके खून में बसती है। देश और जनता के प्रति उनका प्रेम अटूट है।
इस सवाल पर कि क्या राहुल राजनीति के लिए अनफिट हैं, उनका सीधा जवाब था, "अगर कांग्रेस पार्टी जीत जाती, तो यही लोग कहते कि राहुल गांधी अगले प्रधानमंत्री होंगे।"
वाड्रा ने दावा किया कि अगर बिहार में दोबारा बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाएं तो नतीजे आज के मुकाबले बिल्कुल उलट होंगे।
गौरतलब है कि बिहार के नतीजों में कांग्रेस और महागठबंधन को करारी हार मिली। वहीं, एनडीए ने 200 का आंकड़ा पार कर लिया।
--आईएएनएस
पीएसके
