नई दिल्ली: भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की टिप्पणी का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को निरस्त करने की प्रशंसा की थी। खंडेलवाल ने कहा कि खुर्शीद के बयान क्षेत्र की जमीनी हकीकत को दर्शाते हैं।
इंडोनेशिया में थिंक टैंक और शिक्षाविदों के साथ एक कार्यक्रम में बोलते हुए खुर्शीद ने कहा था कि कश्मीर में लंबे समय से बड़ी समस्या थी। यह समस्या सरकार की सोच में संविधान के आर्टिकल 370 में दिखती थी, जिससे ऐसा लगता था कि कश्मीर देश के बाकी हिस्सों से अलग है, लेकिन अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया गया और इस समस्या का अंत हो गया।
खुर्शीद के बयान पर टिप्पणी करते हुए खंडेलवाल ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा कि यह भारत और भारतीय लोकतंत्र की बहुत ही अनूठी विशेषता है।
उन्होंने दावा किया कि जब राष्ट्र की बात आती है, तो हम एकजुट होते हैं। सलमान खुर्शीद, शशि थरूर, असदुद्दीन ओवैसी और अन्य नेताओं सहित हमारे विदेश प्रतिनिधिमंडल देशहित में बोल रहे हैं। आर्टिकल 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में महत्वपूर्ण विकास हुआ है। जम्मू क्षेत्र में पर्यटन में तेजी से बढ़ोतरी हुई और सलमान खुर्शीद ने जो कुछ भी कहा है, वह वास्तव में जम्मू-कश्मीर की सच्चाई है। खंडेलवाल ने आगे कहा कि जो लोग मोदी सरकार की प्रशंसा करने के लिए कांग्रेस सांसद शशि थरूर की आलोचना करते हैं, वे उन्हें (थरूर को) समझने में विफल हैं।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक महत्वाकांक्षा से प्रेरित कांग्रेस बड़ी तस्वीर को नहीं समझ पा रही है। वह अपने फायदे के लिए परिस्थितियों का फायदा उठाने का कोई मौका नहीं छोड़ती। यह विषय देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता से जुड़ा है। जब प्रतिनिधिमंडल में शामिल कांग्रेस के नेता विदेश में पाकिस्तान को आतंकवाद का केंद्र बताते हैं और भारत इससे निपटने के लिए प्रयास कर रहा है, तो वह सच बोल रहे होते हैं। उन्हें भाजपा एजेंट या प्रवक्ता कहना कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है, जो एक परिवार के जाल में फंसी हुई है। यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है, पारिवारिक मामला नहीं।
खंडेलवाल ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के हालिया बयान पर भी टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अगर राहुल गांधी प्रधानमंत्री होते तो भारत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को पुनः प्राप्त कर लेता। उन्होंने कहा कि रेवंत रेड्डी को शायद इतिहास की जानकारी नहीं है। उन्होंने पूछा कि पीओके को पाकिस्तान के हाथों में जाने की अनुमति किसने दी?
उन्होंने दावा किया कि ऐसा करने वाली कांग्रेस ही थी। दशकों तक भारत पर राज करने वाला वही परिवार जिम्मेदार है। रेड्डी राजनीतिक भक्ति में इतने डूबे हुए हैं कि वे तथ्यों से अंधे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक राज्य का मुख्यमंत्री ऐसी निराधार टिप्पणियां करता है, जिनका कोई औचित्य नहीं है।