Pramod Tiwari Nehru Statement: जब ये किसी मुद्दे पर फंसते हैं, तो नेहरू का जिक्र करने लगते हैं: प्रमोद तिवारी

प्रमोद तिवारी का केंद्र पर हमला, नेहरू और आरएसएस को लेकर तीखा बयान
जब ये किसी मुद्दे पर फंसते हैं, तो नेहरू का जिक्र करने लगते हैं: प्रमोद तिवारी

नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब कभी यह सरकार किसी मुद्दे पर फंस जाती है, तो नेहरू का जिक्र करके बचने का प्रयास करती है। लेकिन, अब इस स्थिति को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। सरकार को अपनी नैतिक जिम्मेदारी तय करनी होगी।

उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में नेहरू की उपलब्धियों का बखान किया। उन्होंने कहा कि रावी नदी पर 1929 में 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' और 'पूर्ण स्वराज' का नारा दिया था और उस समय में आपका संगठन (आरएसएस) अंग्रेजों को चिट्ठी लिख रहा था। इस संगठन को राष्ट्रहित से कोई लेना देना नहीं था।

उन्होंने कहा कि मेहरबानी करके आप लोग पंडित नेहरू पर सवाल उठाना बंद कीजिए। पंडित नेहरू ने देश को बनाने में अहम भूमिका निभाई। नेहरू के दम पर ही पंचवर्षीय योजनाओं के दम पर देश के विकास को नई गति मिली। आज अगर इस देश के विकास की गति तेज हो रही है, तो निश्चित तौर पर इसका श्रेय पंडित नेहरू को ही जाना चाहिए, मगर अफसोस यह लोग लगातार अपनी राजनीतिक स्थिति को दुरुस्त करने के लिए लगातार पंडित नेहरू को निशाना बना रहे हैं।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि पंडित नेहरू लंबे समय तक सलाखों में रहे। उन्होंने देश को अंग्रेजों की बेड़ियों से आजादी दिलाने की दिशा में अपना सब कुछ न्योछावर करने से कोई गुरेज नहीं किया, और आज यह लोग पंडित नेहरू पर सवाल उठा रहे हैं। मैं कहता हूं कि इन लोगों को पंडित नेहरू पर सवाल उठाने का कोई नैतिक हक नहीं है, लेकिन यह लोग लगातार राजनीतिक लाभ अर्जित करने के लिए लगातार ऐसा कर रहे हैं। अब हम इस तरह की स्थिति को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं।

साथ ही, उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) पर भी निशाना साधा और कहा कि इस संगठन से राष्ट्रभक्ति की उम्मीद किसी भी कीमत पर नहीं की जा सकती है। इसी संगठन ने आम हिंदुस्तानियों से अंग्रेजों की सेना में शामिल होने की अपील की थी। अब ये लोग ऐसा अपनी श्रद्धा से कर रहे थे या फिर इन्हें अंग्रेजों का डर था।

 

 

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