नई दिल्ली: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को बड़ी सौगात दी है। उत्तराखंड राज्य के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान केंद्रीय सहायता के रूप में बुधवार को 350 करोड़ रुपए की पहली किस्त मंजूर की गई है।
आधिकारिक आदेश के अनुसार, इसमें 342 करोड़ रुपए कार्यक्रम फंड और 8 करोड़ रुपए प्रशासनिक फंड के अंतर्गत आवंटित किए गए हैं।
केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए उत्तराखंड को कुल 702.63 करोड़ की सहायता स्वीकृत की थी। ताजा किस्त के साथ राज्य को अब तक लगभग 640 करोड़ प्राप्त हो चुके हैं, जबकि 62.76 करोड़ की राशि अभी जारी की जानी बाकी है।
केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि निधियों का शीघ्र और पारदर्शी उपयोग सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, वित्त मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सभी सिंगल नोडल एजेंसी (एसएनए) खातों को बंद कर शेष राशि वापस की जाए।
केंद्र सरकार द्वारा इस राशि से उत्तराखंड में ग्रामीण सड़कों का नेटवर्क और मजबूत होगा, जिससे सुदूरवर्ती क्षेत्रों के लोगों को स्कूल, अस्पताल और बाजारों तक बेहतर पहुंच मिलेगी। यह कदम ग्रामीण विकास को गति देने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
'प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना' केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क संपर्क को बेहतर करना है। इसे साल 2000 में शुरू किया गया था, ताकि ग्रामीण भारत के उन गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ा जाए, जो अब तक सड़क सुविधाओं से वंचित थे। यह योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा संचालित की जाती है।
इस योजना का कई चरणों में विस्तार किया गया है। पीएमजीएसवाई के तहत शुरूआत से लेकर 13 अगस्त 2025 तक, नई और हरित प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके कुल 8,38,592 किलोमीटर सड़क लंबाई के निर्माण को स्वीकृति दी गई है। इसमें से 7,83,795 किलोमीटर सड़क लंबाई का निर्माण पूरा हो चुका है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई-III) के तहत अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 6.96 लाख सुविधाएं जोड़ी जा चुकी हैं। इनमें 1.38 लाख ग्रामीण कृषि बाजार, 1.46 लाख शैक्षणिक केंद्र, 82,000 चिकित्सा केंद्र, और 3.28 लाख परिवहन एवं अन्य बुनियादी सुविधा केंद्र शामिल हैं।