PM Vishwakarma Yojana : प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लाभार्थियों को मिली टूल किट, बोले- आर्थिक स्थिति होगी मजबूत

गया में विश्वकर्मा योजना से कारीगरों को टूलकिट और लोन मिला
बिहार: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लाभार्थियों को मिली टूल किट, बोले- आर्थिक स्थिति होगी मजबूत

गयाजी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्‍मदिन के अवसर पर बिहार के गयाजी में बुधवार को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री जीतन राम मांझी ने लाभार्थियों को टूल किट और चेक वितरित किए।

लाभार्थियों द्वारा विभाग की ओर से कई स्टॉल लगाए गए थे। इस स्‍टॉल का केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान उन्‍होंने सभी कारीगरों का हालचाल जाना और काम करने के फायदे और नुकसान के बारे में पूछा। वहीं, केंद्रीय मंत्री ने महाबोधि संस्कृति केंद्र में लाभार्थियों को टूलकिट और चेक वितरित किए।

गयाजी के लाभार्थी सत्येंद्र कुमार ने आईएएनएस से खास बातचीत में बताया कि पहले पढ़ाई करते थे। पीएम विश्वकर्मा योजना की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से मिली। इसमें रजिस्ट्रेशन किया और उसके बाद ट्रेनिंग के लिए चयन हुआ। 10 दिन के प्रशिक्षण के दौरान रहने और खाने सुविधा व्यवस्था, आने-जाने का पैसा दिया गया। इसके बाद मुझे एक लाख रुपए के लोन की स्वीकृति मिल गई। उस पैसे से अपने रोजगार को आगे बढ़ा रहा हूं। इससे आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

उन्‍होंने बताया कि मैं राजमिस्त्री का काम करता हूं और मुझे 15 हजार रुपए की टूल किट मिली है। इससे हम इस व्यवसाय को और आगे ले जाएंगे। इस किट की कीमत बाजार में 20 हजार रुपए है। इसके लिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हैं। जिस तरह से विश्वकर्मा भगवान ने अपने हाथों से रचना कर बनाया है, उसी प्रकार नरेंद्र मोदी ने भी विश्वकर्मा योजना लाकर हम सभी गरीबों का कल्याण करने की बात सोची है।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के एक लाभार्थी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर कहा कि आज उनके जन्मदिन पर मैं उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं देना चाहता हूं।

लाभार्थी रूपेश कुमार ने पीएम मोदी को जन्‍मदिन की बधाई देते हुए बताया कि सोशल मीडिया और समाचार के माध्‍यम से पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत आवेदन की जानकारी मिली। इसके बाद हमने आवेदन किया। चयन के बाद आठ दिन का प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान केंद्र तक आने-जाने का खर्च दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान करीब सात हजार रुपए खाते में आए थे। आज सरकार की ओर से टूलकिट दिया गया। हमारे पास कुछ ऐसे सामान नहीं थे जो कारीगरी में जरूरी थे, वह इस टूलकिट में मिल गया। इससे अब काम में तेजी आएगी। इस योजना से आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और मैं घर का सहारा बनूंगा।

 

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