PM Modi Independence Day 2025: देश के प्रमुख स्थलों को मिलेगा सुरक्षा कवच, लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने किया मिशन 'सुदर्शन चक्र' का ऐलान

पीएम मोदी का ऐलान—2035 तक 'सुदर्शन चक्र' मिशन से देश को मिलेगा सुरक्षा कवच
देश के प्रमुख स्थलों को मिलेगा सुरक्षा कवच, लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने किया मिशन 'सुदर्शन चक्र' का ऐलान

नई दिल्ली:  राष्ट्र सुरक्षा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से बड़ा ऐलान किया है। 79वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि भारत 'सुदर्शन चक्र' मिशन लॉन्च करेगा। उन्होंने कहा कि मिशन 'सुदर्शन चक्र' पावरफुल वेपन सिस्टम होगा, जो दुश्मन के हमले को ध्वस्त करेगा और साथ ही कई गुना ज्यादा दुश्मन पर हिटबैक भी करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया कि अगले 10 साल यानी 2035 तक देश के प्रमुख स्थलों, सामरिक व नागरिक क्षेत्रों और धार्मिक केंद्रों को टेक्नोलॉजी के नए प्लेटफॉर्म से सुरक्षा का कवच दिया जाएगा। यह सुरक्षा का कवच लगातार विस्तार होता जाए, देश का हर नागरिक सुरक्षित महसूस करे, किसी भी प्रकार की तकनीक हम पर वार करने आए, हमारी तकनीक उससे बेहतर सिद्ध हो, इसलिए अगले 10 साल में यानी 2035 तक राष्ट्रीय सुरक्षा कवच का विस्तार करना चाहता हूं। पीएम मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर संकल्प लिया है कि वह सुरक्षा कवच को मजबूती देना चाहते हैं और आधुनिक बनाना चाहते हैं।

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, "भगवान श्रीकृष्ण से प्रेरणा पाकर उनका जो सुदर्शन चक्र था, उस राह को चुना है। महाभारत की लड़ाई में श्रीकृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से सूर्य के प्रकाश को रोक दिया था और दिन में ही अंधेरा कर दिया था। उस समय जयद्रथ का वध करने की अपनी शपथ को अर्जुन पूर्ण कर पाए थे। वह सुदर्शन चक्र के पराक्रम और रणनीति का परिणाम था। अब देश सुदर्शन चक्र मिशन लॉन्च करेगा।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि 'सुदर्शन चक्र' मिशन के लिए भारत ने मूलभूत बातें तय की हैं। हम अगले 10 साल में उनको प्रखरता से आगे बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने बताया, "इस आधुनिक सिस्टम के लिए रिसर्च, डेवलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग भारत में ही होगी और इसमें देश के नौजवानों का टैलेंट होगा। एक ऐसी व्यवस्था होगी, जो युद्ध की स्थितियों के हिसाब से 'प्लस-वन' स्ट्रैटेजी वर्कआउट करेगी। सुदर्शन चक्र द्वारा टारगेट और एक्शन की व्यवस्था को विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।"

'स्वदेशी रक्षा प्रणाली' को लेकर उन्होंने युद्ध के बदलते तौर-तरीकों में राष्ट्र और नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ाने का वचन दिया है।

 

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