Chhath Puja : प्रधानमंत्री मोदी के मन में बिहार बसता है, छठ पर्व को दिलाया वैश्विक सम्मान : सांसद निशिकांत दुबे

निशिकांत दुबे बोले, पीएम मोदी ने छठ पर्व को दिल से अपनाया, यूनेस्को तक पहुंचाया
प्रधानमंत्री मोदी के मन में बिहार बसता है, छठ पर्व को दिलाया वैश्विक सम्मान : सांसद निशिकांत दुबे

भागलपुर: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि बिहार राज्य का महापर्व छठ अब वैश्विक पहचान हासिल कर चुका है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर्व को यूनेस्को के पटल पर रखा, जो यह दर्शाता है कि बिहार पीएम मोदी के दिल में बसता है।

झारखंड के गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से सांसद निशिकांत दुबे ने बुधवार को बिहार के भागलपुर का दौरा किया। उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि छठ सिर्फ बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली या मुंबई तक सीमित नहीं है, बल्कि अब इसे मॉरीशस, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और अमेरिका जैसे देशों में भी मनाया जा रहा है। यह प्रधानमंत्री मोदी के बिहार के प्रति प्रेम और भारत की सांस्कृतिक विरासत के प्रचार को दर्शाता है।

उन्होंने कहा, "21 जून को विश्व योग दिवस की शुरुआत भी पीएम नरेंद्र मोदी जी की पहल पर शुरू हुई। जब नरेंद्र मोदी जी 2014-15 में प्रधानमंत्री बने, तो उसके बाद 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस विश्व स्तर पर मनाया गया। इसी तरह, यूनेस्को ने छठ पर्व को मान्यता दी, जो बिहार में, विशेष रूप से बिहार के लोगों की ओर से मनाया जाने वाला एक अत्यंत धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण त्योहार है।"

इस दौरान, निशिकांत दुबे ने हाल ही में 193 देशों के प्रतिनिधियों के साथ संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) के दौरे का जिक्र करते हुए बताया कि भारत दुनिया के उन गिने-चुने देशों में शामिल है, जो अपना पैसा सबसे पहले यूएनओ में देता है।

उन्होंने बताया, "यूएनडीपी में जब हम लोग बैठे थे, तब उन लोगों ने कहा था, '1954 में पेंसिलिन बनाने का पैसा भारत को दिया था। मतलब पेंसिलिन तक भारत में नहीं बनता था, लेकिन 2025 में भारत से 300 मिलियन पेंसिलिन की खरीद हुई।"

निशिकांत दुबे ने यह भी कहा कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैक्सीन सिर्फ बनाई नहीं थी, बल्कि उसे दुनियाभर में बांटा। इस कारण आज दुनिया के 193 देश भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ एक अलग नजरिए से देखते हैं।

 

 

 

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