PM Modi Bihar Scheme : ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ सिर्फ एक चुनावी घोषणा : कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी

बिहार में महिला रोजगार योजना पर कांग्रेस ने चुनावी घोषणा करार देकर सवाल उठाए
‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ सिर्फ एक चुनावी घोषणा : कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी

लखनऊ: बिहार की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से पीएम मोदी की ओर से शुक्रवार को मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का शुभारंभ किया गया। 75 लाख महिलाओं के खाते में 10 हजार रुपए ट्रांसफर किए गए हैं, महिलाओं ने पीएम मोदी और नीतीश कुमार का आभार जताया है। वहीं, कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने इसे सिर्फ चुनावी घोषणा बताया है।

आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि देश जानता है और लोग भी जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी अक्सर चुनाव से ठीक पहले बड़ी घोषणाएं करते हैं, जिनको सरकार बनने के बाद भुला दिया जाता है।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य बिहार की 75 लाख महिलाओं को स्वरोजगार और आजीविका सृजन के लिए सीधे उनके बैंक खातों में 10,000 रुपए हस्तांतरित करके उन्हें सशक्त बनाना है।

महिलाओं को सशक्त बनाने के इस योजना के उद्देश्य को लेकर तिवारी ने इसके कार्यान्वयन के समय और ईमानदारी पर सवाल उठाया और इसे चुनाव पूर्व रणनीति बताया।

तिवारी ने कहा कि चुनाव की तारीखों की घोषणा जल्द ही की जाएगी। उन्होंने इस योजना को पहले क्यों नहीं लागू किया? वे 20 साल से ज़्यादा समय से सत्ता में हैं। सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी घोषणाएं चुनावी मौसम के लिए रखते हैं और वोटों की गिनती के बाद उन्हें भूल जाते हैं।

उन्होंने इस योजना के पीछे की मंशा और क्रियान्वयन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वह बड़ी-बड़ी रकम की घोषणा करते रहते हैं, लेकिन पैसा कहां है?

महाराष्ट्र चुनाव के दौरान उन्होंने जो पैकेज देने का वादा किया था, वह कहां है? यह सब दिखावा है। बिहार में उनका जहाज डूब रहा है और जनता ने तय कर लिया है कि वे इस बार उन्हें सत्ता से बाहर करेंगे।

तिवारी ने सवाल उठाया कि बिहार का स्पेशल पैकेज कहां हैं, विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिया गया?

तिवारी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ब्रांडेड और पेटेंटेड दवा आयात पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा पर कहा कि भारत पहले ही बहुत कुछ झेल चुका है। पहले टैरिफ में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई और 25 प्रतिशत जुर्माने के साथ यह 50 प्रतिशत हो गया। वीजा के नाम पर अब 88 लाख रुपये चुकाने होंगे। विदेश जाने वाले भारतीय छात्रों और प्रतिभाओं को लगभग करोड़ों रुपये का नुकसान होगा, क्योंकि ये भुगतान डॉलर में होते हैं। प्रधानमंत्री मोदी को प्रयोग करना बंद करके बातचीत शुरू करनी चाहिए। इन मुद्दों पर गंभीर बातचीत की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की विदेश नीति की गलतियों के कारण भारत को भारी कीमत चुकानी पड़ी है। उन्होंने कहा कि टैरिफ कम होना चाहिए और वीजा का 88 लाख रुपए जो लग रहा है, इसे वापस लिया जाए। बातचीत कर मामले को सुलझाना चाहिए।

लेह में कांग्रेस द्वारा युवाओं के विरोध प्रदर्शन को भड़काने के भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए तिवारी ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि ये भाजपा नेता या तो अशिक्षित हैं या जानबूझकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। वे स्पष्ट रूप से जेनरेशन जेड को नहीं समझते। युवाओं का विरोध प्रदर्शन लोकतंत्र का एक हिस्सा है। युवा पीढ़ी के लिए अपनी आवाज़ उठाना सामान्य बात है। अगर भाजपा को लगता है कि यह गलत है, तो शायद उनकी शिक्षा पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।

 

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