नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से हर क्षेत्र में 'आत्मनिर्भर भारत' का आह्वान किया है। देशवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भरता का नाता सिर्फ आयात और निर्यात या रुपये-पैसे तक सीमित नहीं है। आत्मनिर्भरता का नाता हमारे सामर्थ्य से जुड़ा हुआ है और जब आत्मनिर्भरता खत्म होने लगती है, तो सामर्थ्य भी निरंतर क्षीण होता जाता है। इसलिए हमारे सामर्थ्य को बचाए रखने, बनाए रखने और बढ़ाए रखने के लिए आत्मनिर्भर होना बहुत अनिवार्य है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लाल किले की प्राचीर से देश के युवा वैज्ञानिकों, टैलेंटेड यूथ, इंजीनियर्स और सरकार के हर विभाग से आह्वान है कि 'मेड इन इंडिया' फाइटर जेट्स के लिए जेट इंजन भारत का ही होना चाहिए। उन्होंने आह्वान करते हुए कि 'देश का भाग्य बदलना है, आपका सहयोग चाहिए।'
उन्होंने कहा, "आज आईटी का युग है, डेटा की ताकत है। क्या समय की मांग नहीं है कि ऑपरेटिंग सिस्टम से लेकर साइबर सुरक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक सारी चीजें भारतीय हों? इनमें हमारे ही लोगों का सामर्थ जुटा हो।" पीएम मोदी ने कहा कि भारत दिखा चुका है कि यूपीआई का हमारा प्लेटफॉर्म दुनिया को हैरान कर रहा है। भारत के पास सामर्थ है। रीयल टाइम ट्रांजेक्शन में 50 प्रतिशत, अकेला भारत यूपीआई के माध्यम से कर रहा है। इसका मतलब है कि भारत के पास ताकत है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं देश के नौजवानों को चैलेंज करता हूं कि भारत के अपने सोशल मीडिया या अन्य प्लेटफॉर्म हों, वे इसके लिए आगे आएं।" इस दौरान, उन्होंने भारतीयों के सामर्थ पर भरोसा भी जताया।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि हम स्पेस में 'आत्मनिर्भर भारत' के रूप में गगनयान की तैयारी कर रहे हैं। अपने बलबूते पर हम खुद का स्पेस स्टेशन बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। गर्व होता है कि देश के 300 से ज्यादा स्टार्टअप्स स्पेस सेक्टर में काम कर रहे हैं। हजारों नौजवान पूरे सामर्थ्य के साथ जुटे हैं।
अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा, "140 करोड़ भारतवासी 2047 में जब आजादी के 100 साल पूर्ण होंगे, तब तक विकसित भारत के संकल्प को परिपूर्ण करने के लिए पूरी ताकत से जुटे हैं। इस संकल्प की पूर्ति के लिए भारत आज हर सेक्टर में आधुनिक इकोसिस्टम तैयार कर रहा है। आधुनिक इकोसिस्टम हर क्षेत्र में हमारे देश को आत्मनिर्भर बनाएगा।"