Patna Rain Waterlogging 2025 : पटना के जिलाधिकारी ने जलजमाव क्षेत्रों का निरीक्षण किया

पटना में तेज बारिश से जलभराव, डीएम त्यागराजन ने राहत कार्य तेज करने के दिए निर्देश
बिहार : पटना के जिलाधिकारी ने जलजमाव क्षेत्रों का निरीक्षण किया

पटना:  बिहार में अचानक हुए मौसम बदलाव और राजधानी पटना समेत राज्य के कई इलाकों में हो रही बारिश से उमस भरी गर्मी से लोगों ने राहत की सांस ली है। इस बीच, रविवार की रात से पटना में हो रही बारिश से कई इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। पटना के जिलाधिकारी त्यागराजन एस एम स्वयं जलजमाव क्षेत्रों का निरीक्षण किया।

पटना में रात से तेज बारिश को देखते हुए जिलाधिकारी ने विभिन्न क्षेत्रों के जल-जमाव का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि जल-जमाव की कहीं भी कोई बड़ी समस्या नहीं है। पटना शहरी क्षेत्रों में पिछले 24 घंटे में कुल 333.20 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जिसमें पटना सदर क्षेत्र में सर्वाधिक वर्षापात 84.60 मिलीमीटर दर्ज किया गया। पटना कंकड़बाग में 78.40 मिलीमीटर तथा दानापुर शहरी क्षेत्र में 75.80 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।

उन्होंने कहा कि कम समय में अधिक वर्षा के कारण एक-दो स्थानों पर जल जमाव हो गया है। वहां से नगर निगम एवं बुडको की टीम द्वारा पानी को तेजी से निकाल दिया जा रहा है। जिलाधिकारी ने बताया कि 18 पंप अपनी अधिकतम क्षमता में लगातार संचालित हो रहे हैं। न्यूनतम समय में जल निकासी सुनिश्चित की जा रही है। अधिकारियों को इसका अनुश्रवण करने के निर्देश दिए गए हैं।

इसके अलावा वर्षापात के आंकड़ों पर लगातार नजर रखी जा रही है। वरीय दंडाधिकारियों के नेतृत्व में जिला प्रशासन, नगर निगम, बुडको इत्यादि की टीम द्वारा नौ बड़े नालों सहित सभी छोटे-बड़े नालों, पंपिंग स्टेशन एवं सम्प हाउस का संयुक्त निरीक्षण एवं निगरानी की जा रही है। पदाधिकारियों को जल-जमाव की किसी भी सूचना पर त्वरित कार्रवाई करने तथा सुगम जल-निकासी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

नगर निगम, बुडको, जिला प्रशासन, पेसू, मेट्रो, पुल निर्माण निगम, पथ निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग एवं अन्य विभागों तथा एजेंसियों के अधिकारियों को आपस में समन्वय स्थापित कर स्थिति के अनुसार तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को जल-जमाव के दृष्टिकोण से संवेदनशील स्थानों पर विशेष ध्यान देने तथा नियमित तौर पर स्थलीय निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है। अतिवृष्टि की स्थिति में सामान्य जन-जीवन प्रभावित न हो, यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है।

 

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