Pashupati Paras On SIR: बिहार में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण राजनीति से प्रेरित : पशुपति कुमार पारस

SIR पर पारस का हमला- दलितों और अल्पसंख्यकों को वोट से वंचित करने की साजिश
बिहार में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण राजनीति से प्रेरित : पशुपति कुमार पारस

पटना: चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण का मामला तूल पकड़ा हुआ है। विपक्षी दल विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान प्रदेश में 35 लाख वोटर हटाने के आरोप लगा रहे हैं। इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने सोमवार को निशाना साधा। उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित बताया।

उन्होंने कहा, "जितने भी वोटर लिस्ट से नाम हटाए जा रहे हैं, हमारी समझ से यह राजनीति से प्रेरित है। जो महागठबंधन के वोटर्स और सपोर्टर हैं, उन्हें वोट देने से वंचित किया जा रहा है। महागठबंधन के वोटर्स और सपोर्टर शोषित, दलित और अकलियत वर्ग के लोग हैं, जिन्हें रहने को घर नहीं है।"

उन्होंने एनडीए शासन पर निशाना साधते हुए कहा, "बिहार में बाढ़ का प्रकोप है। प्रदेश में आधे से अधिक जिले बाढ़ से प्रभावित हैं, नदियों में खतरे के निशान से ऊपर पानी बह रहा है। लोगों को रहने के लिए घर नहीं है। लोग रेलवे लाइन और बांधों के बगल में शरण लिए हुए हैं। जिस व्यक्ति के पास रहने के लिए घर नहीं, खाने के लिए खाना नहीं, वह व्यक्ति आधार कार्ड और राशन कार्ड कहां से रखेगा? ऐसे में जानबूझकर एक साजिश रची गई है।"

बिहार में सत्ता परिवर्तन का दावा करते हुए राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, "मुझे जो जानकारी है, उस हिसाब से बिहार में इस वक्त दो गठबंधन हैं, एक 'इंडिया' ब्लॉक और दूसरा 'एनडीए'। एनडीए के रहते बिहार का स्टेटस ठीक नहीं है। हमने 25 जिलों का भ्रमण किया और वहां मैंने सत्ता परिवर्तन की आवाज सुनी है। आप कह रहे हैं कि वोटर लिस्ट गलत है, लेकिन इसी लिस्ट के हिसाब से लोकसभा का चुनाव करवाया गया था, तो क्या उस समय भी वोटर लिस्ट गलत थी? दिल्ली चुनाव के समय वोटर लिस्ट गलत नहीं थी?"

 

 

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