नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिन भी हंगामा बरकरार है। गुरुवार को लोकसभा की कार्यवाही 11 बजे शुरू हुई और हंगामे के कारण यह पूरे एक मिनट तक भी नहीं चल पाई। लोकसभा स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। इस गतिरोध को लेकर विपक्ष के लोग सरकार को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि संविधान शोधन के नाम पर सरकार लोकतंत्र की हत्या और संवैधानिक रूप से चुने हुए मुख्यमंत्रियों का खात्मा करना चाहती है। छोटे-छोटे दलों से मुख्यमंत्री बनने वाले लोगों को क्या खत्म कर देंगे?
'सत्ता पक्ष चर्चा के लिए तैयार है,' केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के इस बयान पर इमरान मसूद ने कहा कि विपक्ष को संसद में बोलने नहीं दिया जाता है। उन्होंने संसद के मानसून सत्र में लगातार गतिरोध के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
संविधान संशोधन बिल पर कांग्रेस सांसद सुखविंदर सिंह रंधावा ने कहा कि यह बहुत खतरनाक है। यह देश को डिक्टेटरशिप की तरफ ले जाने की कोशिश है, यह बिल्कुल गलत है। यह विपक्ष के लिए भी एक तरीके से खतरे की घंटी जैसा है। हंगामे पर सुखविंदर सिंह रंधावा ने कहा कि सरकार ही संसद में चर्चा नहीं चाहती है। केसी वेणुगोपाल की मांग को लोकसभा में स्पीकर ने ठुकराया।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन ने कहा, "अगर सरकार खुद को एक हथियार, एक कानूनी ढांचे से लैस करना चाहती है, जिसके तहत वह सभी विपक्षी दलों और नेताओं को खत्म करना चाहती है, तो हम उनके साथ कैसे सहयोग कर सकते हैं?"
उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि कैसे चुनाव आयोग का गलत इस्तेमाल किया गया है। सरकार एक नया फ्रेमवर्क तैयार कर रही है, जिसके तहत वह आने वाले दिनों में विपक्ष के नेताओं को डराना, धमकाना, उनको ब्लैकमेल करना, विरोधी नेताओं को खत्म करना और सरकारों को गिराने का काम करना चाहती है।
संसद में हंगामे पर सीपीआईएम सांसद राजाराम सिंह का कहना है कि सदन में हंगामे के पीछे सत्ताधारी दल की संवेदनहीनता रही है। बैठक में यह बात तय हुई थी कि एसआईआर पर डिबेट कराई जाएगी, लेकिन स्पीकर ने उसके बाद कभी मीटिंग नहीं बुलाई। वोट लोकतंत्र का आधार है। यही फंडामेंटल वोट है, जिसके बारे में भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि अब राजा का बेटा राजा नहीं होगा। वोट का अधिकार जनता को हासिल होगा, जिससे प्रतिनिधि चुनकर आएंगे। जिस दल का बहुमत होगा, सरकार उसी की होगी।
उन्होंने कहा कि वोट चोरी की कोशिश बिहार में हो रही है। जो लोग जिंदा हैं, बिहार के नागरिक हैं, लेकिन गरीब हैं, तो इसी कारण उनका वोट काटा जा रहा है। बिहार में प्रवासी मजदूरों का वोट बनाया जा रहा है, लेकिन जो खुद बिहारी हैं और दूसरे राज्यों में काम करते हैं, उनका वोट काटा जा रहा है। यह बिल्कुल गलत है।