Parliament Monsoon Session 2025: संसद का मानसून सत्र आज समाप्त होगा

मानसून सत्र समाप्त, ऑनलाइन गेमिंग विधेयक पास और अहम बिल पेश
संसद का मानसून सत्र आज समाप्त होगा

नई दिल्ली:  संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से लगभग एक महीने तक चलने के बाद गुरुवार को समाप्त होने वाला है। सत्र की अंतिम दिन दोनों सदनों की कार्यवाही सुबह 11 बजे फिर से शुरू होगी।

पूरे मानसून सत्र के दौरान, विपक्ष के लगातार विरोध-प्रदर्शन के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित कई बार हुई।

उनकी मुख्य मांग आगामी विधानसभा चुनावों से पहले बिहार में मतदाता सूची संशोधन पर विस्तृत चर्चा थी। विपक्षी दलों ने भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर राज्य में मतदाता सूची में हेरफेर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।

बुधवार को विपक्ष के जोरदार विरोध के बावजूद, लोकसभा ने ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 पारित कर दिया।

यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को बढ़ावा देने और विनियमित करने का प्रयास करता है, जिसमें ई-स्पोर्ट्स, शैक्षिक खेल और सोशल गेमिंग शामिल हैं। यह गेमिंग प्लेटफॉर्म, विशेष रूप से पोकर जैसे असली पैसे वाले खेलों से जुड़े प्लेटफॉर्म के लिए कड़े नियम लागू करता है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सत्र के दौरान महत्वपूर्ण विधेयक भी पेश किए, जिनमें एक विधेयक गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तारी या हिरासत का सामना करने वाले निर्वाचित प्रतिनिधियों को हटाने का प्रावधान करता है। यदि यह कानून लागू हो जाता है तो यह प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों पर लागू होगा।

शाह ने तीन प्रमुख विधेयक पेश किए - केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025।

प्रावधानों के अनुसार, कोई भी प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, या किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश का मंत्री अगर न्यूनतम पांच वर्ष की जेल की सजा वाले अपराधों के संबंध में गिरफ्तार किया जाता है और लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रहता है, तो उसे 31वें दिन तक इस्तीफा देना होगा।

इसका अनुपालन न करने की स्थिति में उन्हें स्वतः ही पद से हटा दिया जाएगा।

प्रस्तावित विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया है, जिसे अगले संसदीय सत्र के पहले दिन अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

गृह मंत्री शाह ने आश्वासन दिया कि विपक्ष को आपत्तियां उठाने और समिति के समक्ष अपने विचार प्रस्तुत करने का पर्याप्त अवसर दिया जाएगा।

 

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