पाकिस्तानी सरकार और आईएसआई के बीच तालमेल की कमी असल समस्या : कविंदर गुप्ता

भाजपा नेता ने कहा, पाक-ISI में समन्वय की कमी सीजफायर विफलता की बड़ी वजह
पाकिस्तानी सरकार और आईएसआई के बीच तालमेल की कमी असल समस्या : कविंदर गुप्ता

जम्मू: पाकिस्तान की ओर से शनिवार रात किए सीजफायर उल्लंघन को लेकर लोग हैरान और नाराज हैं। जम्मू-कश्मीर से भाजपा के वरिष्ठ नेता कविंदर गुप्ता ने युद्ध विराम की असल वजह पाकिस्तान और आईएसआई (इंटर-सर्विसेस इंटेलिजेंस) के बीच तालमेल की कमी को बताया।

रविवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कविंदर गुप्ता ने कहा कि सीजफायर के लिए पाकिस्तान ने ही गुहार लगाई थी, उनके अपने सैन्य संचालन महानिदेशक ने पहल की। जब चर्चा हुई, तो हमने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि आगे की कोई भी बातचीत 12 मई को होने वाली बातचीत के बाद देखी जाएगी। मेरा मानना है कि पाकिस्तान के साथ असली समस्या उनकी सरकार और आईएसआई के बीच समन्वय की कमी है, हर कोई अपनी धुन बजाता है। यही कारण है कि सार्थक बातचीत संभव नहीं है।

पाकिस्तान को चीन से मिले समर्थन पर भाजपा के वरिष्ठ नेता कविंदर गुप्ता ने कहा, "चीन और पाकिस्तान दोनों की दिशा-दशा एक है। आतंक को बढ़ावा देने वाले वे ही हैं। यह उनकी मजबूरी है कि उन्होंने अपना सारा निवेश बलूचिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर समेत दूसरे इलाकों में किया है। हालांकि इससे भारत पर कोई असर नहीं पड़ता, लेकिन यह दोहरा मापदंड हमेशा से उनका स्वभाव रहा है, उन पर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता। अगर चीन की बात करें तो 1962 में भी स्थिति ऐसी ही थी। चीन ने हमेशा भारत को धोखा दिया है और आज भी वह अपने निजी स्वार्थों के चलते पाकिस्तान के साथ खड़ा है।"

उल्लेखनीय है कि तीन दिनों तक चले संघर्ष के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच 10 मई को युद्ध विराम की घोषणा हुई। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि शनिवार शाम पांच बजे से सीजफायर लागू हो गया है, लेकिन महज चार घंटे के अंदर ही पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन कर दिया और सीमा पार से गोलीबारी और ड्रोन हमले शुरू कर दिए।

इससे पहले भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जारी लड़ाई को लेकर बड़ा फैसला लिया। सरकार ने सख्त संदेश देते हुए कहा था कि भविष्य में कोई भी आतंकी घटना भारत के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई मानी जाएगी।

भारत सरकार के शीर्ष सूत्रों ने कहा था कि भारत ने निर्णय लिया है कि भविष्य में किसी भी आतंकी कार्रवाई को भारत के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा और उसी अंदाज में जवाब भी दिया जाएगा।

--आईएएनएस

 

 

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