कौन बचा रहा पहलगाम के आतंकियों को...

पहलगाम हमले के एक माह बाद भी आतंकी फरार, एनआईए की जांच तेज
Pahalgam terror attack

श्रीनगर: 22 अप्रैल को पहलगाम की बायसरन घाटी में जंगल की ओर से तीन आतंकी आए। धर्म पूछ-पूछकर करीब 15 मिनट तक टूरिस्ट को गोली मारते रहे। 26 लोगों की हत्या की और वापस जंगलों में गायब हो गए। एक महीना हो गया, सिक्योरिटी फोर्स लगातार ऑपरेशन चला रही हैं, लेकिन आतंकियों को पकड़ नहीं पाई। जांच में बस तीन नाम पता चले, आदिल, मूसा और अली। तीनों पर 20-20 लाख का इनाम रखा गया, 3 हजार से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई, 113 लोग अरेस्ट किए गए, लेकिन आदिल, मूसा और अली का पता नहीं चला।

आतंकियों की लोकेशन तक ट्रेस नहीं हो पाई। जांच एजेंसियों को इसकी दो वजहें समझ आ रही हैं। पहली यह कि आतंकी 2 या 3 ओवरग्राउंड वर्कर्स के ही कॉन्टैक्ट में हैं, वही उन्हें जरूरी सामान पहुंचा रहे हैं। इससे आतंकियों को ट्रेस करना मुश्किल हो रहा है। दूसरी यह कि आतंकी जंगल, गुफाओं या पहाड़ी इलाकों में बने हाइड आउट में छिपे हैं, क्योंकि घरों में बने हाइड आउट की खबर लीक होने का खतरा होता है।

जांच में अब तक क्या-क्या हुआ

बायसरन घाटी में हमले के बाद 22 अप्रैल की दोपहर पहलगाम पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। इसमें किसी आतंकी का नाम नहीं था। ये जरूर लिखा गया कि हमले के पीछे बॉर्डर पार यानी पाकिस्तान की साजिश है। इसके बाद अनंतनाग पुलिस ने 23 अप्रैल को एक पोस्टर जारी किया। इसमें लिखा था कि आतंकी हमले से जुड़ी जानकारी देने वाले को 20 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा। अगले दिन 24 अप्रैल को अनंतनाग पुलिस ने 3 स्केच जारी किए। इसमें तीन आतंकियों के नाम थे, अनंतनाग का आदिल हुसैन ठोकर, हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान और अली उर्फ तल्हा भाई। तीनों की खबर देने वालों के लिए अलग से 20-20 लाख रुपए इनाम की घोषणा की गई। मूसा और अली पाकिस्तानी हैं। मूसा पाकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप में कमांडो रह चुका है। स्केच के साथ एक फोटो भी जारी की गई। इसमें 4 आतंकी घने जंगल में राइफल लिए खड़े हैं। इनमें हाशिम मूसा और जुनैद अहमद भट्ट भी थे। जुनैद को सिक्योरिटी फोर्स ने दिसंबर, 2024 में दाचीगाम के जंगलों में मार गिराया था। उसी के मोबाइल से ये फोटो मिला था। जुनैद 20 अक्टूबर 2024 को सोनमर्ग में जेड मोड़ टनल पर हमले में शामिल था।

 3 हजार से ज्यादा लोगों से पूछताछ

हमले के अगले दिन 23 अप्रैल को एनआईए की टीम स्पॉट पर पहुंच गई थी। गृह मंत्रालय के आदेश के बाद 27 अप्रैल से एनआईए ने ऑफिशियली ये केस अपने हाथ में ले लिया। एनआईए चीफ सदानंद दाते केस की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। एजेंसी के आईजी, डीआईजी और एसपी रैंक के तीन अधिकारी जांच में जुटे हैं। एनआईए की एक टीम अब भी पहलगाम और आसपास के एरिया में लगातार जांच कर रही है। अब तक 3 हजार से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई है। इनमें से कई लोगों को हर रोज पहलगाम पुलिस स्टेशन में हाजिरी देने के लिए बुलाया जा रहा है। 7 मई को एनआईए ने मैसेज जारी कर लोगों से अपील की थी कि वे पहलगाम अटैक से जुड़े नए फोटो, वीडियो या कोई भी सूचना दे सकते हैं। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए। हालांकि, एनआईए ने अनंतनाग पुलिस की तरफ से जारी आतंकियों के स्केच से जुड़ी कोई जानकारी नहीं मांगी। न ही उनका नाम या उनके बारे में अलग से कोई जानकारी मांगी।

 

 

 

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