-कहा अब विवादों का बॉर्डर नहीं विकास का कॉरिडोर है
शिलॉन्ग: पीएम नरेन्द्र मोदी रविवार को पूर्वोत्तर के राज्यों मेघालय और त्रिपुरा के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने अगरतला में 4350 करोड़ की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि त्रिपुरा छोटे राज्यों में देश का सबसे स्वच्छ राज्य बनकर उभरा है। डबल इंजन सरकार सिर्फ फिजिकल और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर ही नहीं बल्कि सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर पर बल दे रही है। आज त्रिपुरा को अपना पहला डेंटल कॉलेज मिला है। इस दौरान त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि खेलों को लेकर केंद्र सरकार आज नई सोच के साथ आगे बढ़ रही है। इसका लाभ पूर्वोत्तर के युवाओं को मिला है। देश की पहली स्पोट्र्स यूनिवर्सिटी पूर्वोत्तर में है।
प्रधानमंत्री ने कहा फुटबॉल में अगर कोई खिलाड़ी खेल भावना से नहीं खेलता तो उसे रेड कार्ड दिखाकर बाहर कर दिया जाता है। ऐसे ही पिछले 8 वर्षों में हमने पूर्वोत्तर के विकास के रास्ते में अनेक रुकावटों को रेड कार्ड दिखा दिया। उन्होंने कहा कि डिजिटल कनेक्टिविटी से सिर्फ बातचीत संवाद ही बेहतर नहीं होता। बल्कि इससे टूरिज्म से लेकर टेक्नॉलॉजी तक शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक हर क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ती हैं अवसर बढ़ते हैं।
पूर्वोत्तर सुरक्षा और समृद्धि का गेटवे
पीएम मोदी ने कहा कि लंबे समय तक जिन दलों की सरकारें रहीं उनकी पूर्वोत्तर के लिए विभाजन की सोच थी और हम विभाजन को दूर करने का इरादा लेकर आए हैं। अलग-अलग समुदाय हो या फिर अलग-अलग क्षेत्र हम हर प्रकार के विभाजन को दूर कर रहे हैं। पीएम ने कहा कि हमारे लिए पूर्वोत्तर बॉर्डर एरिया या आखिरी छोर नहीं बल्कि सुरक्षा और समृद्धि के गेटवे हैं। राष्ट्र की सुरक्षा भी यहीं से सुनिश्चित होती है और दूसरे देशों से व्यापार भी यहीं से होता है। पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि 2014 से पहले यहां योजनाओं के लिए सिर्फ फीते काटे जाते रहे। हमने पूर्वोत्तर के विकास पर सात लाख करोड़ खर्च किए। पीएम मोदी ने कहा कि हम पूर्वोत्तर का पूरी ईमानदारी से विकास कर रहे हैं। हम विकास मॉडल बना रहे हैं। हमने पूर्वोत्तर में वोट बैंक की राजनीति खत्म की है।आज पूर्वोत्तर को सस्ती हवाई सेवा का मौका मिल रहा है।
वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज बनाएगी सरकार
उन्होंने कहा कि लंबे समय तक देश में ये सोच रही है कि बॉर्डर एरिया में विकास होगा कनेक्टटिविटी बढ़ेगी तो दुश्मन को फायदा होगा। पहले की सरकारों की इसी सोच के कारण पूर्वोत्तर समेत देश के सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बेहतर नहीं हो पाई। अब विवादों का बॉर्डर नहीं विकास का कॉरिडोर है। आज डंके की चोट पर बॉर्डर पर नई सड़कें नई टनल नए पुल नई रेल लाइन नए एयर स्ट्रिप बनाने का काम तेजी से चल रहा है। जो सीमावर्ती गांव कभी वीरान हुआ करते थे हम उन्हें वाइब्रेंट बनाने में जुटे हैं। हम वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज बनाएंगे।