नई दिल्ली: राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर मंगलवार को चर्चा की शुरुआत होगी। राजनाथ सिंह और एस जयशंकर इस बहस में भाग ले सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के भी इस चर्चा में शामिल होने की उम्मीद है।
यह चर्चा लोकसभा में सोमवार को हुई तीखी बहस के बाद हो रही है, जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने शुरुआती भाषण में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा, "भारत किसी भी उकसावे का जवाब देने में संकोच नहीं करेगा। आतंक को समर्थन देने वालों के लिए यह स्पष्ट संदेश है कि भारत आक्रामकता का जवाब निर्णायक रूप से देगा।" उनके इस बयान का सत्तापक्ष के सांसदों ने मेज थपथपा कर समर्थन किया।
'ऑपरेशन सिंदूर' 7 मई को शुरू किया गया था, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जवाब था। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी। भारतीय सेना, वायुसेना और खुफिया एजेंसियों के संयुक्त प्रयास से शुरू किए गए इस ऑपरेशन का मकसद सीमा पार आतंकी ढांचे को नष्ट करना था।
राजनाथ सिंह ने लोकसभा में बताया कि इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए और पाकिस्तान व पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को सटीक हमलों से नष्ट किया गया।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी लोकसभा में अपने संबोधन में इस ऑपरेशन के लिए भारत को मिले अंतरराष्ट्रीय समर्थन और सहानुभूति पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि भारत की कूटनीतिक कोशिशों ने दुनिया को इस कार्रवाई की जरूरत और औचित्य को समझाने में मदद की।
बाद में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पोस्ट के जरिए राजनाथ सिंह और जयशंकर के भाषण की सराहना की और उन्हें "प्रभावशाली" बताया। उन्होंने भारतीय सेना की बहादुरी और पेशेवर रवैये की तारीफ करते हुए कहा," दोनों के भाषण में नए भारत की ताकत और दृढ़ता झलकती है।"
राज्य सभा में होने वाली इस चर्चा से 'ऑपरेशन सिंदूर' के कार्यान्वयन और इसके प्रभावों पर और प्रकाश पड़ने की उम्मीद है।