नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी गोलाबारी के कारण जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त हुए घरों के लिए मुआवजे के रूप में 25 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि की मंजूरी दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में पाकिस्तानी गोलाबारी से क्षतिग्रस्त हुए घरों के लिए अतिरिक्त मुआवजे की घोषणा की थी।
पीएम मोदी ने विशेष मामले के तौर पर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त प्रत्येक घर के लिए 2 लाख रुपये और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त प्रत्येक घर के लिए 1 लाख रुपये का अतिरिक्त मुआवज़ा देने की घोषणा की है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2,060 घरों के लिए गृह मंत्रालय से 25 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान करवाकर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की है।
आगे कहा गया है कि पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी इसी प्रकार की मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी।
गृह मंत्री अमित शाह ने बीते 29-30 मई को जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिले पुंछ का दौरा किया था।
इस यात्रा के दौरान उन्होंने सीमा पार से गोलीबारी में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के सदस्यों को नियुक्ति पत्र सौंपे।
नियमों के अनुसार, सीमा पार से गोलाबारी से हुए नुकसान के लिए तुरंत मुआवजा दिया जाना चाहिए।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों से सीमा पार से गोलाबारी की कई घटनाएं सामने आईं।
आवासीय क्षेत्रों, स्कूलों, गुरुद्वारों, मंदिरों और मस्जिदों सहित धार्मिक स्थानों और व्यावसायिक संपत्तियों पर गोलाबारी के कारण सैकड़ों परिवारों को नुकसान उठाना पड़ा।
प्रशासन ने संभावित घटनाओं का अनुमान लगाने और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठाए।
सीमावर्ती जिलों से कुल 3.25 लाख लोगों को निकाला गया, जिनमें से लगभग 15,000 लोगों को 397 आश्रय स्थलों और आवास केंद्रों में ठहराया गया, जहां भोजन, पानी, स्वास्थ्य सेवाएं, बिजली आदि सुविधाएं उपलब्ध थीं।
बयान में आगे कहा गया है कि मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए सीमावर्ती जिलों में कुल 394 एम्बुलेंस तैनात की गईं, जिनमें अकेले पुंछ में 62 एम्बुलेंस शामिल हैं।
स्वास्थ्य, अग्नि एवं आपातकाल, पशुधन, आवश्यक आपूर्ति आदि से संबंधित सेवाओं के लिए कुल 2,818 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को भी तैनात किया गया था।