नई दिल्ली: पिछले 11 सालों में डिजिटल तकनीक से लोगों की जिंदगी में बड़ा परिवर्तन आया है। डिजिटल इंडिया, डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, यूपीआई पेमेंट सिस्टम, 5जी कनेक्टिविटी और सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम ने मिलकर भारत को एक नई पहचान दी है।
मोदी सरकार के दूरदर्शी नेतृत्व में अलग-अलग क्षेत्रों में तकनीक के उपयोग ने नागरिकों को अनेक लाभ पहुंचाए हैं, लेकिन इसके साथ ही डिजिटल दुनिया में कुछ नए जोखिम भी सामने आए हैं। इन्हीं खतरों को ध्यान में रखते हुए सरकार 'ऑनलाइन गेमिंग के प्रोत्साहन व विनियमन विधेयक, 2025' लेकर आई है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में 'ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025' पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य ई-स्पोर्ट्स, शैक्षिक और सामाजिक खेलों को बढ़ावा देना और उनका विनियमन करना है, साथ ही ऑनलाइन मनी गेम्स की पेशकश, संचालन, सुविधा, विज्ञापन, प्रचार और भागीदारी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना है।
यह विधेयक ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को प्रोत्साहित करता है। साथ ही, इससे ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं, विज्ञापनों और उनसे संबंधित वित्तीय लेनदेन पर प्रतिबंध लगेगा। ऑनलाइन फैंटेसी स्पोर्ट्स से लेकर सभी ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ गतिविधियों को भी गैरकानूनी घोषित किया जाएगा।
सरकार की इस विधेयक के जरिए युवाओं को ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग ऐप्स के चंगुल से बचाने की कोशिश है, जो भ्रामक तरीकों से इसमें फंस जाते हैं और इससे पूरा परिवार आर्थिक तंगी की ओर चला जाता है। इसके अलावा, ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म का अक्सर वित्तीय धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद के वित्तपोषण और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने वाली मैसेजिंग गतिविधियों के लिए दुरुपयोग किया जाता है।
सरकार का मानना है कि ऑनलाइन मनी गेमिंग से जुड़ी लत, वित्तीय नुकसान और यहां तक कि आत्महत्या जैसे गंभीर परिणामों को ऐसी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाकर रोका जा सकता है।
ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए, खेल मंत्रालय एक समर्पित ढांचा स्थापित करेगा। ऑनलाइन सोशल गेम्स के लिए अलग-अलग मंत्रालय सहयोग करेंगे।