अमरावती: आंध्र प्रदेश के काकीनाडा जिले में तेल और प्राकृतिक गैस निगम की पाइपलाइन से गैस रिसाव होने की वजह से शुक्रवार तड़के गांव के लोग खौफजदा हो गए। बाद में इस रिसाव को कंट्रोल कर लिया गया।
गैस रिसाव तड़के लगभग 1:30 बजे हुआ, जिससे आग लग गई।
काकीनाडा जिले के तल्लारेवु मंडल में दरयालटिप्पा के पास समुद्र में गैस पाइपलाइन से तेज आग की लपटें निकल रही थीं।
दरियालटिप्पा के ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस और फायर ब्रिगेड के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। ओएनजीसी अधिकारियों ने तड़के करीब साढ़े तीन बजे कृष्णा गोदावरी (केजी) बेसिन रिग से गैस की सप्लाई बंद कर दी, जिसके बाद आग बुझा दी गई।
यह रिसाव पाइपलाइन में हुआ, जो केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के यानम क्षेत्र से होकर समुद्र के रास्ते गुजरती है।
यनम के पुलिस अधीक्षक चिंता कोदंडराम ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है।
दिल्ली दौरे पर आए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने गैस रिसाव को लेकर जिला कलेक्टर और अन्य अधिकारियों से फोन पर बात की।
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि डेढ़ घंटे के अंदर गैस रिसाव रोक दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना में किसी का कोई नुकसान नहीं हुआ है।
मुख्यमंत्री नायडू ने अधिकारियों को पूरी पाइपलाइन की अच्छी तरह जांच करने को कहा। उन्होंने जिला कलेक्टर को भी कहा कि आस-पास के गांवों में लोगों को डर न लगे, इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे हालात पर नजर बनाए रखें और उन्हें लगातार जानकारी देते रहें।
एक बड़ा हादसा इसलिए टल गया क्योंकि गैस रिसाव के वक्त पाइपलाइन के पास कोई मौजूद नहीं था।
स्थानीय लोग इस इलाके में बार-बार हो रही ऐसी घटनाओं को लेकर चिंतित हैं। वे अधिकारियों से मांग कर रहे हैं कि गैस रिसाव और आग जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी जरूरी सावधानियां बरती जाएं।
पिछले महीने अंबेडकर कोनासीमा जिले में दोबारा ड्रिलिंग के दौरान ओएनजीसी के एक कुएं से गैस रिसाव हुआ था, जिससे आसपास के लोग और ओएनजीसी के कर्मचारी काफी डर गए थे।
ओएनजीसी की इमरजेंसी टीम ने हालात पर काबू पा लिया था।
ओएनजीसी की केजी बेसिन में बड़ी मौजूदगी है, जहां हाइड्रोकार्बन का भरपूर भंडार मौजूद है। यह कंपनी कोनासीमा जिले में कई गैस स्टोरेज सेंटर भी चलाती है।