Odisha Religious Sentiments: दीघा जगन्नाथ मंदिर के प्रसाद को 'महाप्रसाद' कहे जाने पर सुदर्शन पटनायक ने जताई चिंता

दीघा मंदिर में 'महाप्रसाद' शब्द के इस्तेमाल पर विवाद, ओडिशा में धार्मिक भावनाएं आहत।
दीघा जगन्नाथ मंदिर के प्रसाद को 'महाप्रसाद' कहे जाने पर सुदर्शन पटनायक ने जताई चिंता

पुरी: दीघा जगन्नाथ मंदिर के प्रसाद को महाप्रसाद कहने पर विवाद शुरू हो गया है। प्रसिद्ध रेत कलाकार और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित सुदर्शन पटनायक ने पश्चिम बंगाल के दीघा में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर के प्रसाद को 'महाप्रसाद' कहे जाने पर चिंता जताई है।

सुदर्शन पटनायक ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि इस कदम को भगवान जगन्नाथ के भक्तों की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ बताया।

पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित सुदर्शन पटनायक कहते हैं, "मुझे यह देखकर और सुनकर बहुत आश्चर्य हुआ कि दीघा के जगन्नाथ मंदिर में दिए जाने वाले भोग को 'महाप्रसाद' कहा जा रहा है। खासकर एक साक्षात्कार में, हमने इस्कॉन के सदस्यों को भगवान को चढ़ाए जाने वाले भोग को 'महाप्रसाद' कहते हुए देखा। लेकिन वास्तव में, महाप्रसाद केवल पुरी के जगन्नाथ मंदिर में ही तैयार किया जाता है, यह दुनिया का एकमात्र स्थान है जहां असली 'महाप्रसाद' बनता है। दीघा मंदिर के प्रसाद को 'महाप्रसाद' कहना परंपराओं के खिलाफ है और इससे लाखों भक्तों की भावनाएं आहत हो सकती हैं।

यह विवाद तब शुरू हुआ, जब दीघा जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन के बाद वहां के प्रसाद को 'महाप्रसाद' के रूप में प्रचारित किया गया।

बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने दीघा मंदिर को एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में पेश किया है, लेकिन इस कदम से ओडिशा के भक्तों और पुजारियों में नाराजगी देखी जा रही है। मंदिर प्रशासन और भक्तों ने मांग की है कि दीघा मंदिर के प्रसाद को 'महाप्रसाद' कहने की प्रथा को तुरंत रोका जाए, ताकि धार्मिक परंपराओं और भावनाओं का सम्मान बना रहे। इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

 

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