भुवनेश्वर, 22 जुलाई (आईएएनएस)। बीजू जनता दल (बीजद) के वरिष्ठ नेता भृगु बक्सीपात्रा ने ओडिशा में महिलाओं के खिलाफ हाल में बढ़ते अपराधों की कड़ी निंदा की। उन्होंने जगतसिंहपुर में एक लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार और मलकानगिरी में एक नाबालिग के यौन उत्पीड़न को राज्य में बढ़ती कानून-व्यवस्था की विफलता का उदाहरण बताया।
बक्सीपात्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “यह सिर्फ एक घटना नहीं है। ऐसा लगता है कि ओडिशा में कोई भी दिन ऐसी भयावह खबरों, बलात्कार, यौन उत्पीड़न या यहां तक कि महिलाओं की हत्या के बिना पूरा नहीं होता। ये घटनाएं स्कूलों, कॉलेजों, बसों, घरों और यहां तक कि गांवों में भी, प्रदेश में लगभग हर जगह हो रही हैं।”
उन्होंने ऐसे अपराधों के बढ़ने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, “राजधानी से नजदीक जगतसिंहपुर और वहां से लगभग 700 किलोमीटर दूर मलकानगिरी तक, स्थिति समान रूप से गंभीर है। यह मुख्यमंत्री के गृह जिले में भी हो रहा है। यह अब सामान्य नहीं रहा; यह एक महामारी बन गया है।”
बीजद नेता ने राज्य सरकार पर निष्क्रियता और उदासीनता का आरोप लगाया और कहा कि इस समस्या को रोकने के लिए कोई आपातकालीन समीक्षा बैठक या कठोर प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग भी है। फिर भी, न तो डीजीपी और न ही गृह सचिव ने कोई सार्थक कदम उठाया है। शीर्ष नेतृत्व की यह चुप्पी खतरनाक है।”
उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक अपराधियों को कड़ी सजा नहीं दी जाती, ऐसे अपराध बेरोकटोक जारी रहेंगे। "अपराधियों का हौसला बढ़ता जा रहा है क्योंकि उन्हें पता है कि उन्हें पकड़ा नहीं जाएगा या सजा नहीं मिलेगी। अगर एक को सजा नहीं मिलती, तो दूसरा भी उसका पीछा करता है, यही आज ओडिशा में हो रहा है।"
हालिया घटना को याद करते हुए, जिसमें एक कॉलेज छात्रा जो कथित तौर पर जिंदा जला गई और अब वह दिल्ली में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही है, उन्होंने कहा, "यह भयावह जमीनी हकीकत है जो लेक्चररों को भी कॉलेजों से इस्तीफा देने पर मजबूर कर रही है।"
बक्सीपात्रा ने राज्य में कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से तुरंत हस्तक्षेप करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा "चुनाव के दौरान, ओडिशा के लोगों से 'डबल इंजन सरकार' का वादा किया गया था। क्या उस वादे का यही मतलब था? हकीकत यह है कि अपराध एक समय-सारिणी की तरह, रोजमर्रा की जिंदगी बन गए हैं। यह सब चलता नहीं रह सकता।"
--आईएएनएस
एससीएच/जीकेटी