नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को नई दिल्ली में 16 रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू) के वार्षिक प्रदर्शन की समीक्षा करेंगे। उन्होंने साल 2025 को ‘सुधारों का वर्ष’ घोषित करते हुए डीपीएसयू से नई प्रौद्योगिकियों के विकास, निर्यात वृद्धि और स्वदेशीकरण को गति देने पर विशेष जोर दिया था।
रक्षा मंत्री ने इस दृष्टिकोण को साकार करने के लिए डीपीएसयू को अनुसंधान एवं विकास में निवेश बढ़ाने और नवाचार के लिए श्रमबल को सशक्त बनाने का आह्वान किया।
सभी डीपीएसयू ने इस सिलसिले में आगामी पांच वर्षों के लिए अपने अनुसंधान एवं विकास रोडमैप तैयार कर लिए हैं। पिछले दस वर्षों में, 16 डीपीएसयू ने अनुसंधान एवं विकास में 30,952 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
अब अगले पांच वर्षों में 32,766 करोड़ रुपए के अनुमानित व्यय के साथ अनुसंधान एवं विकास की गति को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जहां पहले के दशक में अधिकांश निवेश पारंपरिक डीपीएसयू विशेष रूप से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) द्वारा किया गया था, वहीं अब अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान सभी डीपीएसयू में समान रूप से केंद्रित हो गया है।
आगामी पांच वर्षों में आयुध निर्माणी बोर्ड के निगमीकरण से गठित सात नए डीपीएसयू अनुसंधान एवं विकास में 3,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश करेंगे, जबकि रक्षा शिपयार्ड भी 1,300 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश की योजना बना रहे हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान पिछले दस वर्षों में पूर्ण की गई विकास एवं अनुसंधान परियोजनाओं का संकलन प्रस्तुत किया जाएगा। इसके साथ ही आगामी पांच वर्षों के लिए तैयार की गई नई कार्ययोजना भी जारी की जाएगी। इसके अतिरिक्त, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की नई अनुसंधान एवं विकास नियमावली का अनावरण किया जाएगा, जो इन प्रक्रियाओं में अधिक लचीलापन, तेजी, जोखिम मूल्यांकन और संसाधन आवंटन की दक्षता सुनिश्चित करेगी।
रक्षा मंत्री ‘स्वयं’ शीर्षक से अक्षय ऊर्जा पर एक विशेष रिपोर्ट भी जारी करेंगे। यह रिपोर्ट रक्षा उत्पादन विभाग के तत्वावधान में तैयार की गई है और इसमें सभी 16 रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू) द्वारा अपनाई गई ऊर्जा दक्षता एवं अक्षय ऊर्जा से संबंधित सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों का व्यापक संकलन प्रस्तुत किया गया है।
उल्लेखनीय रूप से वर्ष 2024-25 में डीपीएसयू का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है। इस अवधि में डीपीएसयू ने कुल 1.08 लाख करोड़ रुपए का कारोबार दर्ज किया, जो 2023-24 की तुलना में 15.4 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
इसके साथ ही, कर-पश्चात लाभ बढ़कर 20,021 करोड़ रुपए हो गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 19.5 प्रतिशत अधिक है। विशेष रूप से 2024-25 में डीपीएसयू के निर्यात में 51 प्रतिशत की उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो वैश्विक रक्षा बाजार में भारत की बढ़ती प्रतिस्पर्धात्मकता का प्रमाण है।
इस कार्यक्रम के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों के लिए डीपीएसयू को सम्मानित किया जाएगा तथा महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों का भी आदान-प्रदान होगा, जिससे रक्षा उद्योग में सहयोग एवं नवाचार को और अधिक बल मिलेगा।
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