Mundeshwari Temple Bihar : शक्तिपीठ मां मुंडेश्वरी धाम परिसर का विकास, जीर्णोद्धार कार्य का किया शिलान्यास

बिहार के मां मुंडेश्वरी मंदिर का जीर्णोद्धार, आस्था संग पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
बिहार : शक्तिपीठ मां मुंडेश्वरी धाम परिसर का विकास, जीर्णोद्धार कार्य का किया शिलान्यास

भभुआ: बिहार के कैमूर जिले के ऐतिहासिक मां मुंडेश्वरी धाम परिसर का विकास होगा। बिहार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने परिसर के जीर्णोद्धार कार्य का शिलान्यास किया।

‎इस जीर्णोद्धार कार्य के तहत मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण, प्रवेश द्वार का निर्माण, कचरा प्रबंधन, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, पार्किंग और विश्राम स्थल का निर्माण कराया जाना है।

मंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में विकास सर्वोपरि है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ऐसे कार्य किए जा रहे हैं, जो आस्था और आधुनिकता दोनों को जोड़ते हैं। ‎

उन्होंने कहा कि मां मुंडेश्वरी मंदिर केवल आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि बिहार और पूरे भारत की सांस्कृतिक धरोहर है। यह भारत का सबसे प्राचीन जीवित मंदिर माना जाता है, जिसकी स्थापना ईसा की दूसरी शताब्दी में हुई थी। मंदिर की अष्टकोणीय संरचना और दीवारों पर की गई नक्काशी इसे स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना बनाती है। इसके जीर्णोद्धार से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और क्षेत्र का धार्मिक पर्यटन भी बढ़ेगा।

‎मंत्री ने बताया कि इस योजना में श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ पेयजल, ठोस और तरल कचरे के प्रबंधन की व्यवस्था, पर्वत और जंगलों में पौधरोपण, इको-टूरिज्म और ट्रैकिंग ट्रेल्स जैसी पहल शामिल हैं। इससे न केवल मंदिर का संरक्षण होगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। लोककला, हस्तशिल्प और पारंपरिक भोजन को बढ़ावा देकर स्थानीय समुदाय को प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

‎उन्होंने कहा कि सरकार इस धरोहर को विश्वस्तरीय पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने राज्य में हो रहे व्यापक विकास कार्यों का भी उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि बिहार अब तेजी से बदल रहा है। ‎2005 के पहले राज्य में विकास की स्थिति नगण्य थी, लेकिन आज सड़कों का जाल बिछ चुका है। बिहार की पहचान अब पिछड़े राज्य में नहीं, बल्कि तेजी से विकास करने वाले राज्य में है। डबल इंजन सरकार की प्राथमिकता यही है कि विकास और आस्था साथ-साथ आगे बढ़ें।

 

 

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