मुंबई: मुंबई के पवई इलाके में स्थित आरए स्टूडियो में बच्चों को बंधक बनाने वाले आरोपी की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई है। आरोपी की पहचान रोहित आर्या के रूप में हुई है। पुलिस ने बच्चों को छुड़ाने के लिए आरोपी पर फायरिंग की थी, जिसके बाद वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया था।
पुलिस ने आरोपी रोहित को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
इससे पहले आरोपी रोहित ने एक वीडियो जारी कर बच्चों को बंधक बनाने के पीछे का कारण बताया था। वीडियो की शुरुआत में आरोपी ने अपना परिचय देते हुए बताया कि आत्महत्या की जगह मैंने बच्चों को बंधक बनाने की योजना बनाई। मेरी कुछ ज्यादा मांग नहीं है। बहुत सिंपल, मोरल और एथिकल डिमांड्स हैं। आरोपी ने वीडियो में बताया कि न तो मैं आतंकवादी हूं और न मुझे पैसे चाहिए। मुझे कुछ सवालों के जवाब चाहिए। इसी वजह से मैंने कुछ बच्चों को बंधक बनाया है।
उसने कहा कि मैंने एक सोची-समझी योजना के तहत बच्चों को बंधक बनाया है। उसने कहा कि अगर आपकी तरफ से कोई गलत कदम उठाया गया तो मैं पूरी जगह को आग के हवाले कर दूंगा और फिर खुद भी सुसाइड कर लूंगा। मैं सुसाइड करूं या न करूं, लेकिन बच्चों को बिना वजह नुकसान होगा। उसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं होउंगा। इसके लिए जिम्मेदार मुझे बिना वजह निशाना बनाने वाले होंगे, जबकि मैं केवल बात करना चाहता हूं।
आरोपी ने वीडियो में आगे कहा कि मेरी बात खत्म होने के बाद मैं खुद ही बाहर आ जाउंगा। मेरे साथ कुछ और लोग भी हैं, मैं अकेला नहीं हूं। समस्या का समाधान केवल बातों से होगा। कृपया मुझे निशाना मत बनाइए, वरना मैं किसी की चोट पहुंचा दूंगा।
संयुक्त पुलिस आयुक्त ने कहा कि 17 बच्चे और एक सीनियर सिटीजन को बंधक बनाया गया था। पहले बातचीत करने की कोशिश की गई, लेकिन जब बात नहीं बनी तो पुलिस जबरन स्टूडियो में घुस गई। दोपहर 1.45 बजे पुलिस को कॉल आया था। मौके पर कुछ केमिकल और एयर गन मिली है।
बच्चों को वेब सीरीज के ऑडिशन के लिए बुलाया गया था। मुंबई पुलिस के लिए यह ऑपरेशन काफी चुनौतीपूर्ण था।
बता दें कि यह घटना दिनदहाड़े हुई। क्लास में बंधक बनाए गए बच्चों को खिड़की से झांकते हुए देखा गया। घटना की सूचना मिलते ही बच्चों के परिजन भी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने पुलिस-प्रशासन से बच्चों को बचाने की गुहार लगाई। वहीं, पुलिस ने पूरी बिल्डिंग को घेरकर बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
