मुंबई: मुंबई की मुलुंड पुलिस ने एक बड़े साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश किया है। मुलुंड पश्चिम के एक आवासीय फ्लैट में चल रहे फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर पर छापेमारी कर पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया। ये आरोपी अमेरिका और कनाडा के नागरिकों को ठगने का काम कर रहे थे। पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक सामान और नकदी बरामद की है।
मुलुंड पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक ने बताया कि गोपनीय सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई। सूचना मिली थी कि मुलुंड कॉलोनी क्षेत्र में कुछ लोग फर्जी कॉल सेंटर चला रहे हैं। वे खुद को अमेरिका स्थित बैंक या वित्तीय कंपनी का अधिकारी बताकर विदेशी नागरिकों को तुरंत ऋण देने का लालच देते हैं। पीड़ितों से प्रोसेसिंग फीस के नाम पर पैसे वसूलते हैं, लेकिन ऋण कभी नहीं देते।
मुलुंड पुलिस ने जब फ्लैट पर छापा मारा, तब वहां 27 वर्षीय सागर गुप्ता मुख्य संचालक निकला। सागर ने इस धंधे के लिए अभिषेक सिंह, तन्मय धाड़ सिंह, शैलेश शेट्टी और रोहन अंसारी को नियुक्त किया था। सभी आरोपी मौके से गिरफ्तार कर लिए गए। पुलिस को 2 लैपटॉप, 11 मोबाइल फोन, 2 राउटर और 76,000 रुपए नकद बरामद हुए हैं।
आरोपी कॉल सेंटर में खुद को 'लेंडिंग पॉइंट' नामक वित्तीय कंपनी का कर्मचारी बताते थे। वे ई-सिम कार्ड का इस्तेमाल कर पीड़ितों से संपर्क करते थे। शिकार को असुरक्षित वेतन-दिवस ऋण (पे-डे लोन) देने का वादा किया जाता था। न्यूनतम प्रोसेसिंग शुल्क जमा करने के बाद भी पीड़ितों को कुछ नहीं मिलता। इस तरह से लाखों रुपए की ठगी की जा चुकी है।
पुलिस ने मामला भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 316(2), 318(2), 338, 340(2), 319(2), 336 और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) एक्ट के तहत दर्ज किया है। आरोपी बिना किसी वैध अनुमति के यह अवैध कॉल सेंटर चला रहे थे।
वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ने कहा, "यह एक सुनियोजित अंतरराष्ट्रीय ठगी का गिरोह था। हमने सभी सबूत जब्त कर लिए हैं। पीड़ितों की संख्या का पता लगाने के लिए डिजिटल फोरेंसिक जांच की जा रही है। विदेशी एजेंसियों से भी संपर्क किया जाएगा।"
--आईएएनएस
