MP Govt Reduces Prisoners Sentence: मध्य प्रदेश में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हुई 14 हजार कैदियों की सजा कम : मोहन यादव

जन्माष्टमी पर 14 हजार कैदियों को राहत, मप्र में श्रीकृष्ण पाथेय न्यास का गठन
मध्य प्रदेश में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हुई 14 हजार कैदियों की सजा कम : मोहन यादव

भोपाल: श्री कृष्ण जन्माष्टमी भोपाल के जिलों में बंद 14 हजार कैदियों के लिए उपहार लेकर आई क्योंकि मध्य प्रदेश की सरकार ने इन कैदियों की सजा में 60 दिन कम किए हैं। यह सभी सामान्य अपराधों के आरोपी हैं।

राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर इस वर्ष भी प्रदेश की जेलों के दंडित बंदियों को सजा में करीब 60 दिन की छूट हेतु जेल विभाग को निर्देश दिए हैं। आतंकवादी गतिविधि, लैंगिक अपराध, और हत्या के गंभीर आरोपी इसमें शामिल नहीं हैं। इससे 21 हजार बंदियों में से लगभग 14 हजार लाभान्वित होंगे।

दरअसल, राज्य सरकार गणतंत्र दिवस, स्वाधीनता दिवस जैसे अवसरों पर सामान्य अपराधों में लंबी सजा काट चुके कैदियों को कुछ रियायत देती है। उसी क्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जन्माष्टमी के अवसर पर कैदियों को यह बड़ी राहत दी है। एक तरफ कैदियों की सजा में छूट दी गई है, वहीं राज्य सरकार श्री कृष्ण से जुड़ी यादों को सहेजने के लंबे अरसे से प्रयास कर रही है।

इसी क्रम में राज्य सरकार ने भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश लोक न्यास अधिनियम 1951 के अंतर्गत "श्रीकृष्ण पाथेय न्यास" के गठन को हरी झंडी दी है। इसके अनुसार भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित क्षेत्रों का साहित्यिक व सांस्कृतिक संरक्षण और संवर्धन किया जाएगा।

न्यास द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों एवं संरचनाओं का प्रबंधन, सांदीपनि गुरुकुल की स्थापना के लिए परामर्श, सुझाव, श्रीकृष्ण पाथेय के स्थानों का सामाजिक, आर्थिक तथा पर्यटन की दृष्टि से विकास, पुस्तकालय, संग्रहालय की स्थापना आदि गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा सकेगा। श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के उद्देश्यों में मध्यप्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण के चरण जहां-जहां पड़े उन स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित तथा संरक्षित करना और सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा के महत्व को समझने के लिए संबंधित क्षेत्रों का प्रलेखन (डॉक्युमेंटेशन), अभिलेखन (रिकॉर्डिंग), छायांकन, फिल्मांकन तथा चित्रांकन आदि करना शामिल है।

 

 

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